तिरुवनंतपुरमः केरल विधानसभा ने गुरुवार को यूडीएफ के एम उमर द्वारा स्पीकर पी श्रीरामकृष्णन को उनके पद से हटाने की मांग को लेकर पेश प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विधानसभा सत्र प्रगति पर है, वहीं विपक्षी दलों ने मांग की है कि विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन को सोने की तस्करी के आरोपियों के साथ उनके जुड़ाव को लेकर हटाया जाए। वह केरल विधानसभा में तीसरे अध्यक्ष हैं जिनके खिलाफ पद से बर्खास्तगी की मांग को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया है।
प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए उमेर ने कहा कि अध्यक्ष ने सदन के सम्मान का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों ने विधानसभा की प्रतिष्ठा में सेंध लगाई है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को डॉलर तस्करी और सनसनीखेज स्वर्ण तस्करी मामले में आरोपियों से निकटता जैसे गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा, अध्यक्ष ने स्वीकार किया था कि स्वर्ण तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के साथ उनके कनेक्शन हैं। उमेर ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष के सहायक निजी सचिव से केंद्रीय एजेंसियों ने तस्करी के मामले में निवेश करने के बारे में पूछताछ की और मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद अध्यक्ष से पूछताछ की जाएगी।
यह प्रस्ताव इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) पार्टी के विधायक एम उमेर ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन को हटाने के लिए पेश किया था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम)) सत्तारूढ़ पार्टी है जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी दलों में शामिल हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन जो स्पीकर का समर्थन कर रहे थे, ने बताया कि जिन सदस्यों का नाम स्वर्ण तस्करी मामले में सामने आया है, वे केवल आरोपी हैं। उन्होंने कहा, सोना तस्करी के आरोपियों ने अदालत में 164 बयान दिए हैं। इन सभी महीनों से जांच एजेंसी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ऐसे आरोपी द्वारा दिए गए 164 बयानों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है?
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