केरल राज्य में कोरोना के मामले दिन व दिन बढ़ते जा रहे हैं। केरल सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि राज्य में प्रवासी कामगार काम में काम कर सकते हैं, भले ही उनके पास कोविड-19 हो और वे स्पर्शोन्मुख हों। आदेश में कहा गया है कि पहले उल्लिखित स्पर्शोन्मुख प्रवासी कामगार उनके लिए विशेष रूप से चिह्नित क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। आदेश के मुताबिक, अगर प्रवासी कामगार कोरोनावायरस के लिए पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें काम करने वाले अन्य कामगारों से अलग किया जाना चाहिए।
श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यजीत राजन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, "यदि वे स्पर्शोन्मुख सकारात्मक हैं, तो वे सभी सावधानियां बरतते हुए स्पर्शोन्मुख सकारात्मक कामगारों द्वारा किए जाने वाले कार्य के लिए विशेष रूप से चिह्नित क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। यह आदेश अपर मुख्य सचिव (उद्योग) अलकेश कुमार शर्मा आईएएस के निर्देश के आधार पर राज्य में ढांचागत परियोजनाओं में होल्ड होने के कारण सौंपा गया था। जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 प्रथम-पंक्ति उपचार केन्द्रों द्वारा अपनाई गई दिशा-निर्देशों के अनुसार स्पर्शोन्मुख कामगारों को अलग से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
यह भी जारी है कि, यदि स्पर्शोन्मुख प्रवासी कामगारों में बुखार, खांसी, गले में खराश, डायरिया, गंध की हानि या सांस फूलने जैसे लक्षण विकसित होते हैं, तो उन्हें सकारात्मक परीक्षण के बाद, तो उन्हें कोविड-19 अस्पताल भेजा जाएगा। इस तरह के एक आदेश कई उदाहरणों के बावजूद जारी किया गया है स्पर्शोन्मुख कोविड-19 रोगियों को गंभीर रूप से अस्वस्थ गिरने और कुछ मामलों में मरने की सूचना दी जा रही है। ऐसे कई मामलों में केरल में भी मरणोपरांत किए गए परीक्षण में मृतक लोगों को बाद में कोविड-19 बताया गया है।
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