सोमवार को केरल में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्र द्वारा बनाए गए विवादास्पद कृषि कानूनों पर विचार के लिए 23 दिसंबर को विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया गया।
माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) द्वारा जिन तीन कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध किया जा रहा है, उनके खिलाफ विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
वित्त मंत्री थॉमस इसहाक ने एक ट्वीट में कहा कि केरल किसानों के संघर्ष के साथ ' कुल एकजुटता ' में था और सत्र कानूनों पर चर्चा और ' अस्वीकार ' करेगा । मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि इस सत्र में उन तीन कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया है जिनके खिलाफ किसानों ने देश व्यापी आंदोलन किए हैं ।
विधानसभा सूत्रों ने बताया कि संक्षिप्त सत्र में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों पर चर्चा होगी और उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाएगा। सभा में केवल संबंधित दलों के नेता ही चर्चा में भाग लेंगे। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर लगभग चार सप्ताह से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले हुए हजारों किसानों की पृष्ठभूमि में विशेष सत्र बुलाया जा रहा है क्योंकि सरकार के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बातचीत गतिरोध बनी हुई थी ।
किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र और मंडी प्रणाली को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे उन्हें बड़े कारपोरेट की ' दया ' पर छोड़ दिया जाएगा, जिसे केंद्र सरकार का कहना है कि गलत है ।