केरल सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है. राज्य के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य में सभी चुने हुए प्रतिनिधि, विधायक, सरकार के तहत विभिन्न बोर्डों के सदस्य और स्थानीय स्व-सरकारी निकायों के सदस्यों के मासिक वेतन से हर महीने 30% की कटौती की जाएगी और ऐसा एक साल तक के लिए लागू रहेगा. राज्य के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने इसकी जानकारी दी है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया और वो भी पूरे एक साल तक. इस बारे में जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया था कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपने वेतन कटौती का फैसला किया है. यह धनराशि भारत के समेकित कोष में जाएगी. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने भारत में कोरोना वायरस के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को जो MPLAD फंड को भी अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया जाएगा. दो साल के लिए इस फंड के 7900 करोड़ रुपए का उपयोग भारत की संचित निधि में किया जाएगा.
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लॉकडाउन के बाद भी फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. फिलहाल, देश में 21 हजार से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय पर दी गई जानकारी के अनुसार, देश में अभी 16454 लोग कोरोना की चपेट में हैं.
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