कोच्ची: केरल के सीएम पिनाराई विजयन की बेटी टी वीणा को निजी कंपनी कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (CMRL) से पिछले तीन वर्षों में मासिक किश्तों में कथित तौर पर 1.72 करोड़ रुपये मिले हैं। आयकर अंतरिम निपटान बोर्ड की नई दिल्ली पीठ ने फैसला सुनाया है कि पैसा एक "प्रमुख व्यक्ति" के साथ संबंध को देखते हुए दिया गया था।
Breaking from Kerala ????
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) August 10, 2023
She is Veena Vijayan.
She received ₹1.72 crore from Cochin Minerals & Rutile Limited as monthly instalments.
She was supposed to provide IT, Marketing & Software services but didn’t provide even that ????
She is daughter of Kerala CM @pinarayivijayan. pic.twitter.com/dufPXAgIVU
रिपोर्ट के अनुसार, वीना और उनकी फर्म, एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस ने CMRL को IT, मार्केटिंग कंसल्टेंसी और सॉफ्टवेयर सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता किया था। हालाँकि, कोई सेवाएँ प्रदान नहीं की गईं, जैसा कि आयकर जांच में पाया गया। CMRL के प्रबंध निदेशक एस एन शशिधरन कर्ता ने आयकर विभाग को बताया कि हालांकि, अनुबंध के अनुसार पैसा मासिक किस्तों में भुगतान किया गया था। आयकर विभाग ने तर्क दिया कि 2017-20 के दौरान वीना और एक्सालॉजिक को 1.72 करोड़ रुपये मिले, जो एक "अवैध लेनदेन" है। जस्टिस आम्रपाली दास, जस्टिस रामेश्वर सिंह और एम जगदीश बाबू की सेटलमेंट बोर्ड बेंच ने कहा कि आयकर विभाग पुख्ता सबूतों के आधार पर यह स्थापित करने में सक्षम है कि पैसे का भुगतान उन सेवाओं के लिए किया गया था, जो सेवाएं प्रदान ही नहीं की गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, यह पैसा बैंक के माध्यम से दिया गया था। आयकर अधिनियम के तहत व्यावसायिक खर्चों का भुगतान करने की अनुमति है। हालांकि, पीठ ने आयकर विभाग की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि वीना और कंपनी को दिया गया पैसा अवैध लेनदेन की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। 25 जनवरी, 2019 को आयकर विभाग ने CMRL के कार्यालय और कारखाने और MD और प्रमुख अधिकारियों के आवासों पर तलाशी ली। ये खोजें 2013-14 से 2019-20 तक कर भुगतान दस्तावेजों पर आधारित थीं।
एजेंसी को अपनी तलाशी के दौरान पता चला कि कंपनी के खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की गई थी। बोर्ड ने नवंबर 2020 में CMRL और शशिधरन कर्ता द्वारा दायर एक निपटान आवेदन पर 12 जून को आदेश पारित किया। CMRL के मुख्य वित्तीय अधिकारी केएस सुरेश कुमार के आवास पर की गई छापेमारी के दौरान कुछ प्रमुख राजनीतिक और ट्रेड यूनियन नेताओं, पुलिस, अधिकारियों और मीडिया घरानों को करोड़ों रुपये के अवैध भुगतान के सबूत मिले थे। इस निरीक्षण के दौरान वीणा और एक्सालॉजिक द्वारा CMRL के साथ किए गए समझौतों का रिकॉर्ड भी प्राप्त किया गया।
वीणा के लिए हर महीने 5 लाख रुपये; एक्सलॉजिक के लिए 3 लाख रुपये :-
बता दें कि, दिसंबर 2016 में, CMRL ने वीणा से IT और मार्केटिंग परामर्श सेवाएं प्राप्त करने के लिए एक समझौता किया। सॉफ्टवेयर सेवाओं के लिए मार्च 2017 में वीना की कंपनी एक्सालॉजिक के साथ एक और समझौता किया गया। इनके मुताबिक, वीना को 5 लाख रुपये प्रति माह और एक्सालॉजिक को 3 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान करना था। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वीना को कुल 1.72 करोड़ रुपये मिले - व्यक्तिगत क्षमता के लिए 55 लाख रुपये और एक्सलॉजिक के लिए 1.17 करोड़ रुपये। CMRL के मुख्य वित्तीय अधिकारी केएस सुरेश कुमार और मुख्य महाप्रबंधक पी सुरेश कुमार ने कहा कि उन्हें अनुबंध के अनुसार वीना और एक्सालॉजिक द्वारा कंपनी को उपलब्ध कराई गई, किसी भी सेवा के बारे में जानकारी नहीं थी। करथा और कंपनी के अधिकारियों ने बाद में एक हलफनामे के माध्यम से बयान वापस लेने की कोशिश की। हालांकि, आयकर विभाग इस दलील पर अड़ा रहा कि वीना और एक्सलॉजिक को अवैध तरीके से पैसे का भुगतान किया गया था।
अपील की कोई गुंजाइश नहीं:-
बता दें कि, अंतरिम निपटान बोर्ड आयकर अधिनियम की धारा 245AA द्वारा शासित होता है। इसका फैसला अंतिम होता है और इसमें अपील का कोई प्रावधान नहीं है। बोर्ड टैक्स चोरी के आरोपी व्यक्ति या इकाई द्वारा दायर निपटान आवेदन पर विचार करता है। आयकर विभाग विरोधी पक्ष के तौर पर दलीलें पेश करेगा। साक्ष्य के आधार पर आवेदन का निस्तारण किया जाएगा।