तिरुअनंतपुरम: केरल में भीषण बारिश के कारण पानी ने तांडव मचा रखा है, पिछले 15 दिनों से अधिक समय से केरल में जल ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है, आकड़ों की मानें तो लगभग 324 लोग अब तक काल के गाल में समा चुके हैं, साथ ही 2 लाख से ज्यादा लोग अपना आशियाना उजड़ जाने के कारण राहत कम्पों में रहने को मजबूर हैं, राज्य के लगभग आधे से ज्यादा जिलों में पानी समा चुका है, इन सबके बाद आखिरकार केंद्र को केरल की आह सुनाई दी है.
केरल: पीएम मोदी की केरल मुख्यमंत्री के साथ बैठक, बाढ़ के हालात पर बातचीत
आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है, साथ ही पीएम ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अनुदान की भी घोषणा की है., पीएम के राष्ट्रीय राहत निधि से मृतक के रिश्तेदारों को प्रति व्यक्ति 2 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की है. इसके अलावा पीएम मोदी ने तत्काल राहत के तौर पर केरल को 500 करोड़ देने का ऐलान किया है, उल्लेखनीय है कि पीएम 100 करोड़ की राशि देने की घोषणा कर चुके हैं.
केरल में बाढ़: बाढ़ ने लिया रौद्र रूप बस सेवाएं ठप, कई जगह रेड अलर्ट
लेकिन अब जो ये राशि पीएम द्वारा दी जा रही है, वो केरल में मची हुई तबाही की मरम्मत करने के काम में आएगा, अगर इस तरह के कदम केंद्र सरकार द्वारा पहले ही उठा लिए जाते तो शायद सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती थी. जहाँ तक हम भारत की बात करते हैं, तो हमे कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से नागालैंड तक का नक्शा दिमाग आता है. लेकिन अगर देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आती है तो कुछ विशेष राज्यों को छोड़कर हर हिस्से को नज़रअंदाज़ किया जाता है, या फिर वहां पहुँचने में देर हो जाती है, जैसा की केरल के साथ हुआ. केरल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है, जो की बीजेपी की कट्टर विरोधी पार्टी है, लेकिन इस बात का केरल के रहवासियों से कोई इत्तिफ़ाक़ नहीं है, यह बात तो पीएम मोदी भी समझते होंगे, लेकिन फिर भी केरल की पीड़ा पर केंद्र की लेटलतीफी हमारे प्रशासन पर सवाल खड़ा करती है.
खबरें और भी:-
केरल: पीएम मोदी की केरल मुख्यमंत्री के साथ बैठक, बाढ़ के हालात पर बातचीत
बाढ़ पीड़ित केरल को पंजाब की सहायता, अमरिंदर सिंह ने किया 10 करोड़ देने का ऐलान
केरल में पानी निगल रहा जिंदगियां, अब तक 167 की मौत हज़ारों बेघर