कोच्ची: केरल में भीषण बाढ़ के कारण मची तबाही के बाद अब राज्य पुनर्स्थापित होने की कोशिश कर रहा है, इसके लिए राज्य को बड़ी वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, इससे पहले केंद्र सरकार केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए 600 करोड़ की सहायता प्रदान कर चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य के नुकसान का प्रारंभिक अनुमान 19,512 करोड़ रुपये था, जो फाइनल रिपोर्ट के आने तक 25,000 करोड़ रुपये तक जा सकता है.
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इससे पहले केंद्र सरकार ने केरल के लिए विदेशी मदद लेने से इंकार कर दिया था, लेकिन अब केरल सरकार प्रदेशवासियों की परेशानियों को देखते हुए विदेश से कर्ज लेने का मन बना रही है, इसके लिए राज्य सरकार ने पुराने नियमों का हवाला दिया है, जिसमे आपदा होने पर विदेश से भी मदद ली जा सकती है. केरल की विजयन सरकार ने उम्मीद जताई है कि इसमें केंद्र सरकार उनका साथ देगी.
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केरल ने केंद्र से मांग की है कि बाहरी कर्ज की सीमा को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत किया जाए. लेकिन इस मामले पर अधिकारीयों का कहना है कि जीएसडीपी को मात्र पॉइंट 5 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है, अगर ये किया भी गया तो केरल 6000 करोड़ तक का लोन ही ले पाएगा. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने विश्व बैंक, एशियन डिवेलपमेंट बैंक और इंटरनैशनल फ़ाइनैंशल कॉर्पोरेशन समेत कई एजेंसियों से लोन के संबंध में बात करने का फैसला लिया है.
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