तिरुवनंतपुरम: मंगलवार को केरल सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 1.30 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है . वैज्ञानिक को साल 1994 में जासूसी के गलत केस में फंसा दिया गया था. यह प्रतिकर 78 वर्षीय नंबी नारायणन द्वारा अपनी ग़ैरक़ानूनी गिरफ्तारी और उत्पीड़न की प्रतिकर के लिए यहां एक कोर्ट में रकम बढ़ाने के लिए दायर किए गए मामले को निपटाने के कड़ी में हवाला किया गया है.
सीएम दफ्तर के सूत्रों ने मीडिया के साथ चर्चा में नारायणन को रकम के भुगतान की पुष्टि की है. सरकार ने पूर्व में उच्चतम कोर्ट के आदेश के 3 हफ्ते बाद नारायणन को पचास लाख रुपये की राशि दी थी. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वैज्ञानिक को अलग से दस लाख राशि का मुआवजा सौंपे जाने की सिफारिश की थी. साल 1994 में जासूसी के गलत केस में आरोप लगाया गया था कि नारायणन देश के अंतरिक्ष आयोजन से संबंधित कुछ बेहद गोपनीय दस्तावेज विदेशी देशों को हस्तांतरित करने में शामिल हैं. नारायणन को 2 माह जेल में रहना पड़ा था. इसके बाद में, सीबीआई ने बोला कि उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप मिथ्या हैं. सीबीआई से पहले इस केस की पड़ताल केरल पुलिस कर रही थी.
बता दें की साल 1994 के इसरो जासूसी केस में नारायणन को उनके वरिष्ठ अधिकारी, मालदीव की 2 महिलाओं और 1 कारोबारी संग गिरफ्तार किया गया था. सीबीआइ ने साल 1995 में नारायणन को क्लीनचिट दे दी थी. इसके बाद उन्होंने आरोपित अफसरों के विरुद्ध कानूनी जंग छेड़ दी थी. लेकिन, इस केस में अब तक किसी भी अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
अध्यापक के निधन के बाद भी मिलता रहा वेतन, इतना भी नहीं किया गया इंक्रीमेंट
भाजपा नेता ने दी पान मसाला कंपनी के मैनेजर को जान से मारने की धमकी, हुए गिरफ्तार
लखनऊ में कोरोना ने तोडा रिकॉर्ड, एक दिन में सामने आये 831 नए संक्रमित मरीज