कोच्ची: केरल के कासरगोड जिले में 2019 में दो यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के क़त्ल के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के सदस्यों के परिवार वालों को सरकारी नौकरी दी गई है। जिला पंचायत ने माकपा (CPIM) सदस्य एम पीतांबरन, सीजे साजी और सुरेश की पत्नियों को जिला सरकारी अस्पताल में नौकरी दी गई है।
CPIM के इन कार्यकर्ताओं ने फरवरी 2019 में युवा कांग्रेस कार्यकर्ता कृपेश और सारथ लाल की कथित तौर पर हत्या कर दी थी। तब से ये तीनों न्यायिक हिरासत में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल में अंतिम श्रेणी के लोगों के लिए चार पद खाली थे, जिसके लिए 100 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। इसमें गिरफ्तार आरोपितों के परिवार के तीन सदस्यों को नौकरी दी गई हैं। दरअसल, केरल सरकार हत्या के आरोपित CPIM पार्टी के कार्यकर्ताओं को बचाने का प्रयास कर रही है। राज्य पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में अभियुक्तों की जगह अभियोजन पक्ष के गवाहों को नामित किया गया था। वहीं, जब उच्च न्यायालय ने मामले को CBI को ट्रांसफर कर दिया था, तो राज्य सरकार इसे रोकने के लिए शीर्ष अदालत तक पहुंची थी। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था।
कासरगोड जिला पंचायत के उपाध्यक्ष शनवास पोधुर ने कहा कि, ”दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के क़त्ल में शामिल CPIM पार्टी के कार्यकर्ताओं की पत्नियों की नियुक्ति जानबूझकर नहीं की गई थी।” उन्होंने आगे कहा कि जिला पंचायत द्वारा अस्पताल का प्रबंधन किया जाता है, किन्तु इस बार हम आवेदकों के साक्षात्कार में शामिल नहीं हुए थे। हालाँकि, ऐसी सियासी सिफारिशें आम हैं। यह महज एक अस्थायी नियुक्ति है। वहीं, सारथ लाल के पिता सत्यनारायणन ने इस नियुक्ति को जघन्य कृत्य करार दिया है। उन्होंने कहा है कि, “इससे स्पष्ट पता चलता है कि CPIM हत्यारों के साथ है।”
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