केरल सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के लिए पैसों की कमी दूर करने के लिए कर्मचारियों की तनख्वाह काटने के लिए बुधवार को एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है. मालूम हो कि केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से जारी कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश पर अगले दो महीने तक के लिए रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने इस आदेश को कानून सम्मत नहीं बताया था. हाईकोर्ट के उक्त रुख के एक दिन बाद केरल की वाम नेतृत्व वाली सरकार ने यह फैसला लिया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केरल सरकार ने बीते दिनों कोरोन से लड़ने की मुहिम में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती का आदेश दिया था. इस आदेश में कहा गया था कि अगले पांच महीनों तक हर महीने राज्य सरकार के कर्मचारियों का छह दिन का वेतन काटा जाएगा. कर्मचारी संगठनों ने इस फरमान के विरोध में अदालत का रुख किया था. हाईकोर्ट की ओर से आदेश पर फौरी रोक के बाद सरकार ने अपनी रणनीति बदला है. राज्य के वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में बताया कि अध्यादेश के तहत राज्य सरकार कर्मचारियों का 25 फीसद वेतन काटेगी.
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इस मामले को लेकर थॉमस इसाक ने बताया कि अध्यादेश के मुताबिक, आपदा की स्थिति में राज्य सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों का 25 फीसद वेतन काटने का अधिकार होगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार रोके गए वेतन को छह महीने के भीतर वापस करने पर भी फैसला ले सकती है. अध्यादेश में दो जरूरी प्रावधान किए गए हैं. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रावधान के तहत 25 फीसद वेतन रोका नहीं जाएगा और सरकार पहले के आदेश के तहत छह दिन का वेतन ही काटेगी. उन्होंने बताया कि चूंकि अदालत ने कहा था कि राज्य के पास वेतन कटौती का कोई कानूनी आधार नहीं है इसलिए हमने इस बारे में कानून बनाने का फैसला लिया है.
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