कोच्ची: केरल में कथित जिहाद, धर्मान्तरण और आतंकवाद की चक्की में पिसती गैर-मुस्लिम लड़कियों की कहानी 'द केरला स्टोरी' आज सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। हालाँकि, इस फिल्म को लेकर मचा बवाल अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच द केरला स्टोरी (The Kerala Story) फिल्म पर केरल के मौजूदा गवर्नर और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का बड़ा बयान सामने आया हैं।
केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रदेश में होने वाले किसी भी 'लव जिहाद' की घटनाओं के खिलाफ कदम उठाए। राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि, 'मैंने फिल्म नहीं देखी है, जो लोग शांति और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए। यदि केरल में लव जिहाद की घटनाएं होती हैं, तो यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए।'
बता दें कि, अदा शर्मा अभिनीत 'द केरला स्टोरी' आज 5 मई को सिनेमाघरों में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। फिल्म राज्य में गैर-मुस्लिम महिलाओं के जबरन धर्मांतरण और उन्हें आतंकवाद में धकेलने की घटनाओं पर आधारित है। फिल्म के ट्रेलर में "केरल में 32,000 महिलाओं की दिल दहला देने वाली और दिल दहला देने वाली कहानियां " दिखाई गई हैं। इसके बाद, फिल्म विवादों में फंस गई, क्योंकि लोगों ने दावा किया कि फिल्म के टीजर में जबरन धर्मांतरण और आतंकवाद के मामलों की तादाद बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जा रही है। जिसके बाद, फिल्म के टीजर विवरण को "केरल की तीन युवा लड़कियों की सच्ची कहानियां" से बदल दिया गया। क्योंकि, फिल्म में केवल 3 लड़कियों की ही कहानी दिखाई गई है, साथ ही 32 हज़ार लड़कियों के धर्मान्तरण और आतंकी बनने का ठोस डाटा मौजूद नहीं है।
हालाँकि, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंद और ओमान चांडी (कांग्रेस) खुलकर केरल में लव जिहाद और लड़कियों के धर्मान्तरण की बात स्वीकार चुके हैं। लेकिन, बात आंकड़ों और सबूतों पर आकर अटक जाती है। 2010 में केरल के तत्कालीन सीएम वीएस अच्युतानंदन ने PFI, केरल में कट्टरपंथी इस्लामिक धारा को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि- PFI अगले 20 वर्षों में पैसे और शादियों (लव जिहाद) का इस्तेमाल करके 'केरल' को इस्लामी राज्य बना देगा। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि कट्टरपंथी, युवाओं का धर्मांतरण कर रहे हैं। ऐसा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को बाकायदा पैसे भी दिए जा रहे हैं और उन्हें गैर-मुस्लिम लड़कियों से शादी करने के लिए भी कहा जा रहा है।
केरल कांग्रेस के एक और पूर्व सीएम ओमन चांडी ने 25 जून 2012 को विधानसभा के पटल पर एक आंकड़ा रखा था। उन्होंने बताया था कि 2006 से लेकर 2012 के बीच 2500 से अधिक गैर-मुस्लिम लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करने के लिए बाध्य किया गया है। वहीं, वर्ष 2017 में केरल के पूर्व DGP टीपी सेनकुमार ने भी स्वीकार किया था कि केरल में 'लव जिहाद' एक क्रूर सच्चाई है, जिसे नकार नहीं सकते। उन्होंने कहा था कि कई लड़कियां इसका शिकार बनी और क्रूर मानसिकता वाले आतंकी संगठन ISIS में भर्ती हुईं, हालाँकि उन्होंने स्पष्ट आंकड़ा नहीं बताया था। यहाँ तक कि, केरल का सिरो मालाबार चर्च भी बीते कई वर्षों से ईसाई लड़कियों के धर्मांतरण को लेकर लव जिहाद का मुद्दा उठता रहा है। यानी ये बात तो सत्य है कि, केरल में कई लड़कियों का धर्मान्तरण हुआ है और उनमे से कई आतंकी बनने के लिए दूसरे देशों में भेज दी गई हैं। लेकिन, आंकड़े और ठोस सबूत सामने न आने के कारण सभी चुप हैं, हालाँकि, पूर्व मुख्यमंत्रियों ने जब ये स्वीकार किया है तो सबूत जरूर होंगे।
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