कोच्ची: केरल की पिनाराई विजयन सरकार और गवर्नर आरिफ मोहम्मद के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, हफ्तेभर पहले राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करके गवर्नर आरिफ को दबाने के लिए उन्हें यूनिवर्सिटी के चांसलर पद से हटा दिया था। मगर, सरकार के प्रति गवर्नर का रवैया अभी भी वही है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक मैं यहां हूं, मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगा। सिर्फ वही लोग नियुक्त किए जाएंगे, जो योग्य हैं और UGC की सभी जरूरतों को पूरा करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, आज यानी सोमवार (21 नवंबर) को गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैंने बार-बार कहा है कि मैं किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत समर्थन की तलाश में नहीं हूं और न ही मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई है। मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि देश के कानून को कायम रखा जाए। मेरा काम यह देखना है कि यूनिवर्सिटी, कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त हों। गवर्नर आरिफ मोहम्मद ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करना मेरा फर्ज है कि पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्तियां नहीं होने दी जाएं। जब तक मैं यहां हूं, मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगा।'
बता दें कि एक हफ्ते पहले केरल सरकार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सूबे के कलामंडलम डीम्ड विश्वविद्यालय के चांसलर पद से हटा दिया था, ताकि वे नियुक्तियों में दखल न दे सकें। इसके लिए केरल की वामपंथी सरकार ने बाकायदा विश्वविद्यालय के नियमों में संशोधन तक कर दिया था। वहीं, केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद, राज्य की यूनिवर्सिटी में अपने रिश्तेदारों और परिचितों को नौकरियां देने का विरोध कर रहे हैं।
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