वैज्ञानिक नंबी नारायणन केस में एक पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) सहित चार लोगों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर CBI की प्रतिक्रिया मांगी है। जी दरअसल कोर्ट ने सीबीआई के जवाब के लिए इस मामले को अगले हफ्ते के लिए सूचीबद्ध किया है। आपको बता दें कि इसरो की जासूसी के मामले में नारायणन को 1994 में फर्जी ढंग से फंसाया गया था। आप सभी को पता हो कि इन चारों आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के केरल हाईकोर्ट के आदेश को दो दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जी दरअसल अग्रिम जमानत खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वह चार सप्ताह में आरोपियों की अग्रिम जमानत पर नए सिरे से विचार करे। केवल यही नहीं बल्कि यह भी कहा कि आरोपियों को पांच सप्ताह तक गिरफ्तार नहीं किया जाए।
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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केरल हाईकोर्ट का फैसला खारिज किया था।वहीं सीबीआई ने हाईकोर्ट के जमानत के आदेश के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं सीबीआई ने केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज सहित चार आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत को चुनौती दी थी। आपको यह भी बता दें कि वयोवृद्ध वैज्ञानिक नंबी नारायणन पर हाल ही में आर। माधवन ने फिल्म 'रॉकेट्री' बनाई है। जी हाँ और माधवन ने ही फिल्म में नाराणन की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के रिलीज होने के बाद नंबी नारायण को लेकर देश में फिर चर्चा शुरू हो गई थी। इस फिल्म में इसरो वैज्ञानिक के रूप में उनकी सफलताएं और बाद में साजिश के तहत उन्हें फंसाए जाने को दर्शाया गया है। आपको बता दें कि कई सालों तक जेल में रहने और लंबी लड़ाई लड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया था।
आपको बता दें कि वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने इसरो में रहते हुए कई शोध किए थे। देश के अंतरिक्ष अनुसंधान में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। साल 1994 में उन पर भ्रष्टाचार और पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। नारायणन पर आरोप लगाए गए कि वे रॉकेट व उपग्रह से संबंधित गोपनीय जानकारियों की जासूसी करते थे।
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