कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने शिकायतकर्ता सहित विभिन्न लोगों के बयान में विरोधाभासों के बाद गुरुवार को कहा कि फ्रैंको मुलक्कल, जालंधर के खिलाफ बलात्कार करने के आरोप में पुलिस जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है. उच्च न्यायालय ने बिशप को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को आदेश देने से इंकार कर दिया, जिससे बिशप की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है.
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अदालत ने कहा कि पहले पुलिस बिशप से मामले के बारे में पूछताछ कर ले, उसके बाद पुलिस की रिपोर्ट को देखकर ये फैसला लिया जाएगा कि बिशप की गिरफ़्तारी का आदेश दिया जाए या नहीं. उल्लेखनीय है कि अदालत ने पहले राज्य सरकार को मुलाक्कल के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितम्बर को करेगा.
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आपको बता दें कि 43 वर्षीय नन ने आरोप लगाया है कि मुकाक्कल ने 2014 में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के बहाने उन्हें बुलाए जाने के बाद उनके साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद में बिशप ने अगले दो वर्षों में कथित रूप से 13 बार बलात्कार और अप्राकृतिक दुष्कर्म किया. जबकि बिशप ने आरोपों को आधारहीन और असत्य बताकर खारिज कर दिया था, बिशप ने जोर देकर कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है क्योंकि कैथोलिक आदेश ने उनकी मांगों को खारिज कर दिया था.
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