केरल: केरल के बहुचर्चित 'लव-जिहाद' मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के हाथो एक अहम सुराग लगा हैं. एनआईए ने जाँच में पाया हैं कि, जिस मेंटर ने हिन्दू लड़की को बहला-फुसला, कर मुसलमान बनाया उसके रैडिकल ग्रुप पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से सम्बन्ध हैं. एनआईए यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कर रही हैं, एक मुस्लिम युवक की अर्ज़ी पर हाई कोर्ट यह सुनवाई कर रहा हैं. हाई कोर्ट ने उसकी शादी को रद्द करार देते हुए 'लव-जिहाद' नाम दिया था. पहले यह मामला हाई कोर्ट में था. इसके बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में आया हैं.
दरअसल, अखीला अशोकन उर्फ़ हादिया ने कथित रूप में धर्म परिवर्तन कर निकाह किया था, हादिया के पिता ने केरल हाई कोर्ट में एक अर्ज़ी दाखिल की थी. जिसमे उन्होंने इस शादी को तोड़ने की गुहार लगाई थी. याचिका में कहा गया हैं कि लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया गया था. और लड़के (शफीन) के तार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट संगठन से जुड़े हैं.
इसमें आरोप यह भी हैं कि पीआईएफ के सदस्य हिन्दू लड़कियों को भ्रमित कर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरणा देते थे. एनआईए की यह रिपोर्ट केरल पुलिस की जाँच पर आधारित हैं. एनआईए ने अपनी जाँच में बताया कि हादिया को उसके मेंटर साइनाबा ने इस्लाम धर्म अपनाने के लिए बहलाया फुसलाया था. साल 2016 में हादिया ने 4 अलग-अलग पत्र अपने पिता और केरल के सीनियर पुलिस ऑफिसर को लिखे थे. इसमें हादिया ने लिखा कि उसने अपनी स्वयं की इच्छा से इस्लाम धर्म कबूला था. खास बात यह रही कि इन सभी पत्रों में उसके नाम का उच्चारण अलग-अलग था. हालांकि, पीआईएफ ने हादिया के स्टेटमेंट का हवाला देते हुए. बलपूर्वक धर्म परिवर्तन से साफ़ इंकार किया हैं.
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