कोच्ची: केरल से इंसानियत को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। राज्य के कोच्चि की फास्ट ट्रैक POCSO कोर्ट ने मदरसे में इस्लाम पढ़ने वाले एक मौलवी शराफुद्दीन को नाबालिग बच्ची से बार-बार दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दरिंदे शराफुद्दीन को 70 साल कैद और 1।15 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी मौलवी ने इस घिनौनी वारदात को नवंबर 2021 से फरवरी 2022 के मध्य अंजाम दिया। केरल के मदरसे में बच्चों को इस्लाम की तालीम देने वाले शराफुद्दीन ने बच्ची को मदरसे की छत पर ले जाकर तीन महीनों तक उसका कई बार उसका बलात्कार किया। यह अपराध तब सामने आया, जब स्कूल की एक शिक्षिका ने कक्षा के दौरान बच्ची के असहज व्यवहार पर गौर किया, नाबालिग बच्ची स्कूल में डरी सहमी रहती थी, ये बात टीचर को कुछ अजीब लगी। जब शिक्षिका ने बच्ची को भरोसे में लेकर उससे अकेले में बात की, तब जाकर दरिंदे मौलवी की घिनौनी असलियत सामने आई।
इसके बाद स्कूल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फ़ौरन पुलिस को सूचना दी। थडियिट्टापरम्बु पुलिस ने नाबालिग बच्ची का बयान दर्ज किया और 24 फरवरी 2022 को आरोपित शराफुद्दीन को मदरसे से ही अरेस्ट कर लिया। मौलवी ने डरा-धमकाकर बच्ची को चुप करा रखा था। दो साल तक चली सुनवाई के बाद पेरंबवूर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी मौलवी को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई। कोर्ट ने इस कृत्य को समाज के लिए कलंक करार देते हुए कहा कि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
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