कोच्ची: केरल में एक परिवार ने अपने ब्रेन डेड (Brain Dead) बच्चे के अंग दान (Organ Donate) करने का फैसला लिया, जिससे सात लोगों को नया जीवन मिला. नविस को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद, साजन मैथ्यू ने अपने 25 साल के बेटे के अंगों को डोनेट करने की सहमति दी. उन्हें पता भी नहीं था कि उनका निस्वार्थ भावना से किया गया ये कार्य सात अन्य लोगों को नया जीवन देगा.
फ्रांस से अकाउंटेंसी में मास्टर डिग्री करने वाले पोस्ट ग्रेजुएट छात्र नविस मैथ्यू कोरोना वायरस महामारी के चलते कोट्टायम में अपने घर से ही ऑनलाइन क्लास ले रहे थे. 18 सितंबर को जब नवीस अपने सामान्य वक़्त पर नहीं उठे तो उनकी छोटी बहन विस्मय (13) उन्हें जगाने गई, किन्तु, नविस नहीं उठा, हालांकि वह सांस ले रहा था. परिजन फ़ौरन नविस को कोट्टायम के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने कहा कि युवक का शुगर लेवल बेहद कम हो गया था. अगले कुछ दिनों में, उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और उसे 20 सितंबर को कोच्चि के एक प्राइवेट अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. चार दिन बाद, चिकित्सकों ने नविस को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके तत्काल बाद, उनके पिता साजन मैथ्यू और उनके परिवार ने उनके बेटे के अंग दान करने का फैसला लिया.
नविस के दिल को कोच्चि में निकाला गया और उसे कोझीकोड ले जाया गया, जहां एक हार्ट पेशेंट में उसका प्रत्यारोपण किया गया. स्वास्थ्य विभाग ने लाइव ऑगर्न को तेजी से और सुरक्षित रूप से पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया. इसके साथ ही, नविस के दोनों हाथ, आंखें, किडनी और उनका लीवर जरूरतमंद लोगों को दान किया गया. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने खुद नविस के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया और राज्य सरकार की तरफ से उनके परिवार को उनके बेटे के अंग दान करने और इस प्रक्रिया में कई लोगों को बचाने के लिए धन्यवाद दिया.
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