कोच्ची: केरल के महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की गर्भवती छात्राओं को 60 दिनों की मैटरनिटी लीव देने का फैसला लिया है। यहां ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही 18 साल से अधिक आयु की छात्राओं को मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) देने का फैसला लिया गया है, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा ना आए और वे लगातार अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शुक्रवार (23 दिसंबर) को प्रो वाइस चांसलर सीटी अरविंद कुमार के नेतृत्व में सिंडिकेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें कहा गया कि सिंडिकेट ने इस मुद्दे पर एक स्टडी करने के लिए गठित समिति की सिफारिशों को हरी झंडी दे दी है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, छात्राएं डिलीवरी से पहले या बाद में ये मैटरनिटी लीव ले सकती हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि मैटरनिटी लीव की सुविधा पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान केवल एक दफा ही दी जाएगी।
अवकाश की अवधि में सार्वजनिक और सामान्य छुट्टियां शामिल होंगी और इसके साथ कोई अन्य अवकाश नहीं जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, गर्भपात, नसबंदी आदि के मामलों में 14 दिनों का अवकाश प्रदान किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि गर्भावस्था की वजह से छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो, एक सेमेस्टर के दौरान मातृत्व अवकाश लेने वालों को उस सेमेस्टर की परीक्षा के लिए पंजीकरण करने की इजाजत दी जाएगी। हालांकि, उन्हें एक सेमेस्टर नहीं गंवाना पड़ेगा, क्योंकि उनका मातृत्व अवकाश ख़त्म होने के बाद वे अपने बैच के साथ मौजूदा सेमेस्टर में अपनी पढ़ाई जारी रख सकती हैं।
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