नई दिल्ली. केरल की चार मुस्लिम महिलाओं ने मेहरम या बिना किसी पुरुष साथी के हज पर जाने का आवेदन किया है. अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि रविवार को इन महिलाओ ने ये फार्म भरा है.
नकवी ने ट्वीट पर इस बात कि जानकारी देते कहा कि इससे पहले महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत नहीं थी. लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने हज पर बिना किसी पुरुष अभिभावक के जाने की इच्छुक महिलाओं को अपने दम पर हज जाने की इजाजत दी है. हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इन चारों महिलाओं की पहचान जाहिर नहीं की है.
इस साल के शुरुआत में अल्पसंख्यक मंत्रालय की गठित एक कमेटी ने यह सिफारिश की थी. ताकि देश की हज नीति में कुछ कटौती हो सके. हालांकि कई मुस्लिम मौलानाओं और संगठनों ने इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि ऐसा करना गैर-इस्लामिक और शरिया के खिलाफ है. लेकिन सरकार ने इस सिफारिशों को मान लिया और इसे नई हज नीति का हिस्सा बना लिया.
बता दे कि केरल की 4 मुस्लिम महिलाओं ने बिना पुरुष (मेहरम) के हज पर जाने हेतु फार्म भरा. इससे पहले अकेले महिलाओं को हज पर जाने की सरकार द्वारा अनुमति नहीं थी. नई हज नीति के तहत 45 साल से अधिक आयु की मुस्लिम महिलाओं बिना किसी पुरुष साथी या मेहरम के हज पर जा सकती हैं.
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