आपने कई तरह की बारिश के बारे में सूना होगा। मछलियों की बारिश, कैकडो की बारिश, बर्फ की बारिश और भी कई। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहें है जहाँ पर केसर और चंदन की बारिश होती है। जी हाँ हम सच कह रहें है जी दरअसल में हम बात कर रहने है मुक्तागिरी की जो मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की भैंसदेही में थपोड़ा गांव में है। यह अपनी वास्तुकला की वजह से काफी जाना जाता है।
आपको बता दें की यहाँ पर केसर और चंदन की बारिश होती है और उसके पीछे भी एक कहानी है। जो कुछ इस तरह है जी दरअसल में ऐसा कहा जाता है की यहाँ पर एक बार एक जैन मुनि ध्यान कर रहें थे तभी उनके सामने एक मरा हुआ मेंढक आकर गिर गया, और जब मुनि ने उसे देखा तो उसके कान में “णमोकार” मंत्र पढ़ा जिससे की वह जीवित हो उठा और एक देव बन गया। इस दिन को यहाँ के लोग “निर्वाण दिवस” भी कहते है। जिस दिन यह सिलसिला हुआ था उस दिन देवतागण ने चन्दन तथा केसर मिश्रित द्रव्य की वर्षा की थी जिसके बाद इस दिन हर बार यह वर्षा होने लगी।
आपको बता दें की इसके बाद मेंढक को मोक्ष प्राप्त हो गया था। यहाँ पर 52 मंदिर है जो जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय के है। यहाँ पर आप प्रतिमाओं पर इस द्रव्य के छीटें इस दिन देख सकते है।