चाणक्य की चाणक्य नीति बोलती है नारी के सम्मान में ही भगवानों का आर्शीवाद निहित है। जो शख्स नारी शक्ति का सम्मान नहीं करते हैं वे समाज में सम्मान नहीं पाते हैं। विदुर नीति भी यही बोलती है। विदुर का रिश्ता महाभारत काल से है। महाभारत के युद्ध में प्रभु श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपेदश सुनाया था।
गीता के उपदेश शख्स को श्रेष्ठ बनाने का काम करते हैं। गीता के उपदेशों में जीवन की कामयाबी का रहस्य छिपा हुआ है। विदुर महाभारत के प्रभावशाली पात्रों में एक माने जाते हैं। विदुर के बारे में ऐसा बोला जाता है कि वे सदा ही सच बोलते थे। इसीलिए वे प्रभु श्रीकृष्ण के भी प्रिय थे। शास्त्र एवं विद्वानों का मानना है कि कभी भी निर्बल मतलब कमजोर शख्स को नहीं सताना चाहिए। जो निर्बल को परेशान करता है। उनका शोषण करता है। ऐसे लोक न तो इस लोक में और न ही दूसरे लोक में सम्मान प्राप्त कर पाते हैं। पाप करने वालों की जगह नरक बताई गई है।
विद्वानों का मानना है कि श्रेष्ठ इंसान वही है जो नारी का आदर तथा सम्मान करता है। पौराणिक कथाओं में भी बताया गया है कि जिस घर में नारी का सम्मान नहीं होता है वह घर कभी पूरा नहीं होता है। नारी का अनादर करने से धन की देवी लक्ष्मी जी बेहद शीघ्र नाराज होती हैं। लक्ष्मी जी ऐसे मनुष्यों से दूरी बना लेती हैं। जिसकी वजह से सुखों में कमी आनी लगती है। जीवन में विवाद एवं अशांति व्याप्त हो जाती है। वहीं जहां नारी का सम्मान होता है, उस जगह पर सुख,समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
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