दुनियाभर में चल रहा 'खालिस्तानी' प्रोपेगेंडा ! इस मुद्दे पर अफगानिस्तान से भारत आए सिख भाई क्या बोले ?

दुनियाभर में चल रहा 'खालिस्तानी' प्रोपेगेंडा ! इस मुद्दे पर अफगानिस्तान से भारत आए सिख भाई क्या बोले ?
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नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद वहां हालात इस कदर बिगड़े कि, हिन्दुओं और सिखों के बचे-कूचे परिवार भी देश से पलायन कर गए और भारत में शरण ली। अफगानिस्तान से दिल्ली लाए गए सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि भारत सरकार उन्हें सुरक्षित यहां ले आई है, इसके लिए वे सरकार के आभारी हैं। वहीं, दुनिया के कई देशों में पाकिस्तानी साजिश के कारण चल रहे खालिस्तानी एजेंडे पर भी उन्होंने अपनी राय रखी। बता दें कि, ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बीते दिनों में मंदिरों पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं। मंदिरों की दीवार पर भारत माता और भारतीय पीएम को लेकर अपमानजनक बातें भी लिखी गईं थी। यहाँ तक कि, ब्रिटेन में तो भारतीय दूतावास पर हमला हो गया था और कट्टरपंथियों ने तिरंगे का भी अपमान कर डाला था। अब इस मुद्दे पर तालिबानी प्रताड़नाओं से तंग आकर भारत आए सिख भाइयों की प्रतिक्रिया काफी मायने रखती है।

रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान से आए सिख भाइयों ने कहा कि 'हमारा खालिस्तान से कोई वास्ता नहीं, भारत सरकार ने हमारी जो मदद की, अफगानिस्तान में हमारे साथ जो लोग फंसे थे, उन्हें यहां भारत में ले आए। जो सबसे बड़ी बात है जिसके सामने हम मत्था टेकते हैं, वह  श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर हम भारत आए हैं। मान सम्मान से लेकर आए हैं, तो हमारे लिये यह सब खालसा ही है। हमारे खालसा, तो जहां निशान लगेगा वहीं खालसा है।' दरअसल, इन सिख शरणार्थियों से मुलाकात करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार (8 जून) को पश्चिम दिल्ली के महावीर नगर स्थित गुरु अर्जुन देव गुरुद्वारा पहुंचे थे। इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाले सिखों के भविष्य की चिंता भारत सरकार को है। सरकार उनकी सुरक्षा और उनके हितों के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सिख शरणार्थियों की नागरिकता की स्थिति, पासपोर्ट और उनके बच्चों की स्कूली शिक्षा के बारे में उनकी चिंताओं का ध्यान रखने का भी वादा किया। जयशंकर ने शरणार्थियों से मिलने के बाद प्रेस वालों से कहा कि, 'मैं उनकी चिंताओं को सुनना चाहता था। उन्होंने अपनी समस्याएं बताईं- कुछ लोग वापस अफगानिस्तान जाना चाहते हैं, क्योंकि वहां उनकी संपत्ति है। वे वहां गुरुद्वारों को लेकर भी फिक्रमंद हैं।'

जयशंकर ने कहा कि, 'मुझे लगा कि उनके पास अफगानिस्तान जाने और वापस आने की इजाजत दिए जाने का उचित आधार है और उन्हें बहु या दोहरे, तिहरे- प्रवेश वीजा की मंजूरी दी जानी चाहिए। एक और समस्या यह है कि उनकी नागरिकता के मामले को किस तरह आगे बढ़ाया जाए, क्योंकि कुछ लोग इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।' जयशंकर ने आगे कहा कि उन्हें कुछ ऐसे सिख शरणार्थी भी मिले, जिन्होंने अपने बच्चों के कारण भारतीय नागरिकता ले ली, मगर बाद में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि, 'ऐसा नहीं होना चाहिए। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि 'उन लोगों को बहु प्रवेश वीजा देने का ‘‘अच्छा आधार’’ बनता है, जो अपनी संपत्तियों और गुरुद्वारों की देखभाल के लिए अफगानिस्तान वापस लौटना चाहते हैं। बता दें कि, पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर चलाए जा रहे भाजपा संपर्क अभियान के तहत गुरुवार को पश्चिमी दिल्ली में अफगान सिख शरणार्थियों के साथ मुलाकात की।

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