चंडीगढ़: पंजाब के अजनाला में पुलिस थाने पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा तलवारों और बंदूकों से हमला किए जाने के बाद तनावपूर्ण है। वहीं, जब इस झड़प को लेकर सीएम भगवंत मान से एक सवाल पुछा गया, तो उन्होंने कहा कि आपके पास गलत जानकारी है. पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस सक्षम है. हमारा राज्य एक शांतिपूर्ण राज्य है. अजनाला में खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पंजाब पुलिस में हुई झड़प के एक दिन बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार (24 फ़रवरी) को कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित आवास मातोश्री में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए, ऐसा लगा कि भगवंत मान अजनाला हिंसा पर सवाल को टालने की कोशिश कर रहे है. दरअसल, अजनाला झड़प को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में सीएम मान ने कहा कि आपके पास गलत जानकारी है. पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस सक्षम है. भगवंत मान ने कहा कि बड़े उद्योगों ने वहां निवेश करना आरंभ कर दिया है. पहले एक परिवार विशेष के साथ MoU साइन किया जाता था, आज पंजाब के 3 करोड़ लोगों के साथ MoU किया जा रहा है. बता दें कि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात की थी.
अजनाला पुलिस थाने पर क्यों हुआ था हमला:-
बता दें कि, गुरुवार (23 फ़रवरी) को खालिस्तान समर्थकों ने ‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह पर दर्ज FIR और उसके करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था. हाथों में तलवार और बंदूक लिए समर्थकों ने अजनाला थाने के बाहर लगे पुलिस बैरिकेड्स तोड़ डाले थे. वहीं, अमृतपाल सिंह ने पंजाब पुलिस को लवप्रीत तूफ़ान को रिहा करने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी थी। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान को बेकसूर बताते हुए उसे रिहा कर दिया था.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP), अमृतसर (ग्रामीण), सतिंदर सिंह ने कहा था कि, 'हमारे सामने पेश किए गए सबूतों के आलोक में, यह फैसला लिया गया है कि लवप्रीत तूफान को बरी कर दिया जाएगा. मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया गया था. SSP ने कहा था कि उन्होंने (‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों) ने तूफान को निर्दोष साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं. SIT ने भी इसका संज्ञान लिया है. इन लोगों ने अब शांति से जाने का निर्णय लिया है. कानून अपना काम करेगा. बता दें कि, वारिस पंजाब दे की स्थापना गायक दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी फरवरी 2022 में एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी.
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