नई दिल्ली: कनाडा के भारत पर आरोपों के बीच पूर्व हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उन्होंने कहा है कि खालिस्तानी आतंकवादी कनाडा की खुफिया एजेंसी की कठपुतली हैं तथा उनके लिए काम करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कनाडा खालिस्तानी आतंकियों को प्रत्यर्पित करने में निरंतर आनाकानी कर रहा है। संजय वर्मा ने ये बातें कनाडा के एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कही। इस के चलते उन्होंने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप को सिरे से नकार दिया तथा इस मामले का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप कनाडा के पीएम और उनकी सरकार पर लगाया।
इंटरव्यू के चलते संजय वर्मा ने कहा, “खालिस्तानी आतंकियों को यहाँ संरक्षण दिया जाता है; खालिस्तानी आतंकवादी यहाँ की खुफिया एजेंसी CSIS के एसेट हैं। यह आरोप मैं बिना किसी सबूत के नहीं लगा रहा हूँ… यही काम ट्रूडो ने किया है।” निज्जर की हत्या के मामले में उन्होंने आगे कहा, “हमें इस बारे में कोई भी सबूत नहीं पेश किया गया है। यदि ट्रूडो एवं उनके साथी इस बारे में जानते थे और वे कोर्ट नहीं जा रहे थे, तो क्या यह एक अपराध नहीं है? आखिर किस आधार पर वे मुझसे पूछताछ करना चाहते हैं? यदि कोई छोटे अपराध के लिए पकड़ा जाता है, तो सबूत पेश किए जाते हैं, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो रहा।”
संजय वर्मा ने पश्चिमी देशों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब वह वक़्त नहीं रहा जब पश्चिमी देश किसी देश को कुछ करने के लिए कहते तथा वह करने लगता। संजय वर्मा ने कहा कि भारत एक कानून के राज वाला देश है, तो फिर कनाडा सबूत क्यों नहीं पेश कर रहा है? उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रूडो और उनकी सरकार पर भरोसा नहीं है। संजय वर्मा ने बताया कि उनकी जगह पर कोई नया आएगा या नहीं, यह बातचीत के पश्चात् तय होगा। उन्होंने कहा कि ट्रूडो ने सिर्फ खुफिया जानकारी के आधार पर भारत पर आरोप लगाया तथा बाद में स्वयं कबूल किया कि उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
कनाडा में भारत तोड़ने वालों के संदर्भ में संजय वर्मा ने कहा, “भारत में क्या होता है, यह भारतीय तय करेंगे। कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी और चरमपंथी भारतीय नहीं, बल्कि कनाडा के नागरिक हैं, और हमें लगता है कि किसी भी देश को अपने नागरिकों को दूसरे देश को तोड़ने का प्रयास नहीं करने देना चाहिए।” संजय वर्मा ने यह भी कहा कि भारत तथा कनाडा के बीच का यह विवाद सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को खास नुकसान नहीं पहुंचाएगा, हालांकि इससे कुछ असर अवश्य पड़ सकता है। उन्होंने कनाडा से भारत की चिंताओं पर कार्रवाई करने की भी अपील की।
गौरतलब है कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप ट्रूडो के द्वारा लगाए जाने के पश्चात् यह विवाद बढ़ गया था। फिर भारत ने संजय वर्मा को वापस बुला लिया एवं कनाडा के हाई कमिश्नर को देश से निकल जाने का निर्देश दिया था। संजय वर्मा ने इसके पश्चात् इन आरोपों का जवाब दिया है।
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