क्या खड़गे परिवार ने धोखे से हासिल की थी 'डिफेंस' की जमीन? फिर लौटाई क्यों

क्या खड़गे परिवार ने धोखे से हासिल की थी 'डिफेंस' की जमीन? फिर लौटाई क्यों
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बैंगलोर: कर्नाटक में कथित MUDA स्कैम को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल खड़गे के नेतृत्व वाले सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित भूमि में हेरफेर का आरोप लगाया है। हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि खड़गे परिवार के स्वामित्व वाला सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट विवादास्पद भूमि को वापस लौटाने का निर्णय लिया है।

 

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने संदिग्ध परिस्थितियों में खड़गे के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को 5 एकड़ जमीन आवंटित की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से इस मामले में पारदर्शिता और ईमानदारी की मांग की है। भाजपा ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार ने बेंगलुरु में एक हाई-टेक डिफेंस इलाके में अनुसंधान एवं विकास के लिए यह भूमि आवंटित की, और यह आवंटन नियमों के निर्धारित होने के कुछ दिन बाद हुआ। रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि यह मामला कर्नाटक लोकायुक्त तक पहुंच चुका है और अदालत में भी लंबित है। उन्होंने खड़गे से स्पष्ट जवाब देने की मांग की, क्योंकि वह न केवल कांग्रेस अध्यक्ष हैं, बल्कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि मामले की "ईमानदारी से" जांच की जा रही है।

इस बीच, कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) साइट आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में सिद्धारमैया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों पर जांच शुरू की है। जब सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट ने विवादास्पद भूमि को वापस लौटाने का निर्णय लिया, तो यह सवाल उठता है कि क्या इसका अर्थ यह है कि जमीन अवैध तरीके से हासिल की गई थी। यदि यह संपत्ति खड़गे परिवार की मेहनत से अर्जित की गई थी, तो वे इसे सरकार को क्यों सौंपेंगे, खासकर जब उन पर आरोप लगे हों। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का परिवार कानूनी समस्याओं से बचने के लिए भूमि वापस लौटाने का रास्ता अपना रहा है।

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