खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी को भड़की सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हिंसा में कई घर और दुकानें जला दी गई थीं और कई लोग पथराव और आगज़नी के दौरान घायल हुए थे। इन दंगों के बाद बीते दिनों सिवनी में दो आदिवासियों की मॉब लिचिंग में मौत के बाद यहां सियासी हलचल तेज हो गई है। खासकर कांग्रेस, खरगोन के दंगा पीड़ितों का जख्मों पर सियासी मरहम लगाकर 2023 विधानसभा चुनाव के लिए रास्ता बनाना चाह रही है। लेकिन उसकी इन कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस के नेताओं को खरगोन के मुसलमानो ने दौड़ा दौड़ा कर भगाया।
— Dr.Hitesh Bajpai (@drhiteshbajpai) May 5, 2022
पूछा "हमारे बच्चो को आतंकी बताओगे, हिंदुओं को उनसे लडवाओगे?"
इसलिए @OfficeOfKNath खुद खरगोन नहीं गये?
पब्लिक बहुत मारती है साब!
।।साधो।।
????✌️????@ChouhanShivraj @vdsharmabjp @HitanandSharma @KailashOnline pic.twitter.com/dVf3aC6P2F
दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता, दंगा पीड़ितों के प्रति हमदर्दी जताकर उनको अपने पक्ष में करने के लिए खरगोन पहुंचे थे, लेकिन उन्हें वहां से बेरंग ही लौटना पड़ा। जनता ने कांग्रेस की हमदर्दी लेने से साफ इंकार कर दिया। बता दें कि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री व MLA सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन, डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, MLA रवि जोशी व झूमा सोलंकी, पू्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी का एक जांच दल बनाकर खरगोन दंगों की जांच करने के लिए भेजा था।
जब यह दल खरगोन स्थित मालीपुरा इलाके में पहुंचा तो लोगों ने कांग्रेस नेताओं से देरी से आने पर सवाल किए और उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई। विरोध करने वालों में कुछ मुस्लिम भी शामिल थे, जो कांग्रेस नेताओं पर चिल्लाते हुए कह रहे थे, 'हमारे बच्चों को आतंकी बनाओगे, हिन्दुओं को उनसे लड़वाओगे।' वहीं, महिलाएं इतनी नाराज थीं कि कांग्रेस नेताओं ने उल्टे पांव लौटना ही उचित समझा। विजयलक्ष्मी साधौ की कुछ लोगों से तीखी बहस भी हुई, तो वहीं सज्जन सिंह वर्मा ने माहौल ठीक न देखते हुए बहस नहीं की और मुस्कुराते हुए वहां से निकल आए। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
CM पर दिग्विजय सिंह का हमला, बोले- 'आदिवासियों के हत्यारों के घर पर क्यों नहीं चल रहा बुलडोजर?'
राहुल गांधी का 'ड्रग टेस्ट' क्यों कराना चाहती है TRS ? क्या नेपाल में कांग्रेस नेता ने लिए थे ड्रग्स