नई दिल्ली: इस बार पूरे देश में मानसून सामान्य रहने और वितरण बेहतर रहने का असर खेती पर दिखने लगा है. देश में खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 36.66 लाख हेक्टेयर ज्यादा हुआ है.
इस बारे में कृषि मंत्रालय के जो ताजा आंकड़े मिले हैं उनके अनुसार 1 सितंबर तक खरीफ का कुल बुवाई क्षेत्र 1033.99 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा 997.11 लाख हेक्टेयर था. इसका मुख्य कारण इस इस साल समय पर पूरे देश में बारिश होना है.
इस बार अच्छी बारिश के चलते देश में धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के 364.43 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 372.95 लाख हेक्टेयर रहा है. यानी धान उत्पादक राज्यों में रकबे में बढ़ोतरी है. धान की बुवाई बेहतर रहने के साथ जोरदार बारिश का दौर चलने की वजह से इसके उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही इस बार किसानों की लागत कम रहने की पूरी संभावना नजर आ रही है.
जहाँ तक मोटे अनाज का सवाल है तो मोटे अनाजों की खरीफ बुवाई भी इस बार पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 184.13 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है. सरसों और मूंगफली जैसी तिलहन फसलों का बुवाई रकबा भी खरीफ सीजन के दौरान पिछले साल के मुकाबले 1 लाख हेक्टेयर बढ़कर 179.60 लाख हेक्टेयर हो गया हालांकि गन्ने का रकबा घटा है.
उधर, दलहन की बुवाई रकबे में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले साल 1 सितंबर तक दालों की बुवाई 106.92 लाख हेक्टेयर रकबे में हुई थी. लेकिन खरीफ सीजन में इस बार दलहन फसलों का बुवाई रकबा 142.02 लाख हेक्टेयर रहा है. इसका सीधा असर दालों की कीमतों पर पड़ेगा.अच्छी बुवाई के कारण दालों की कीमतों में नरमी का रुख आना शुरू हो गया है. आशा की जा सकती है कि आने वाले महीनों में दाल की कीमतों में और गिरावट आएगी.