खरमास या मलमास (Kharmas 2021) जब भी लगता है, तो शुभ मांगलिक कार्य होने बंद हो जाते हैं। आप सभी को बता दें कि इस बार 14 दिसंबर से खरमास लग रहा है, जो एक माह तक प्रभावी होने वाला है और इस वजह से कोई भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। वहीं पंचांग मतभेद के चलते यह कई स्थानों पर 15 दिसंबर से शुरू होने का भी जिक्र किया जा रहा है। इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ खास बातें।
1. कहा जाता है किसी भी शुभ मांगलिक या विवाह कार्यक्रम के लिए बृहस्पति ग्रह बहुत महत्व रखता है, इसी के चलते जब गुरु यानी बृहस्पति सूर्य के नजदीक आ जाता है तो उसकी (बृहस्पति) की सक्रियता न्यून हो जाती है जिसे आम भाषा में अस्त होना भी कहते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
2. वहीं हिन्दू धर्म में खरमास को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए नए या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
3. कहा जाता है खरमास या मलमास के महीने में हिन्दू धर्म के विशेष संस्कार, जैसे नामकरण संस्कार, यज्ञोपवीत या शुभ विवाह के कार्य नहीं होते हैं।
4. आपको बता दें मलमास को मलिन मास कहते हैं।
5. कहा जाता है बृहस्पति या गुरु ग्रह सुखी वैवाहिक जीवन और संतान सुख देने वाला माना जाता है। इसी वजह से ऐसे समय में उसके अस्त होने के कारण शादी नहीं होती।
6. शुभ विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का बलवान होना बहुत जरूरी है और इसी के चलते मलमास के पश्चात ही शुभ कार्य करते हैं।
7. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के समयावधि में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है, इसी के चलते इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
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