टोक्यो ओलंपिक की सफलता से उत्साहित होकर गवर्नमेंट अपने खेलो इंडिया अभियान को और धार देने के लिए जा रहे है। यही वजह है कि वर्ष 2022-23 के आम बजट में न सिर्फ खेलों के भागों में 15 फीसद की बढ़ोतरी भी की जाने वाली है, बल्कि खेलों इंडिया अभियान में भारी भरकम साढ़े 32 फीसद की बढ़ोतरी भी की जा सकती है। वर्ष 2021-22 के आम बजट में खेलों के भाग में कुल 1906.14 करोड़ रुपये आए थे, लेकिन इस बार खेल मंत्रालय का बजट कुल बजट 2254 करोड़ रुपये वित्त मंत्रालय को प्रस्तावित किया गया है। इसमें अकेले खेलों इंडिया का बजट 657 करोड़ से 974 करोड़ रुपये किया जा सकते है।
खेलो इंडिया के माध्यम से ओलंपिक पर निगाहें: सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से ही ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों को अंजाम देने वाली है। साथ ही कई तरह की अकादमियों और विभिन्न आयु वर्गों में राष्ट्रीय स्तर के भव्य खेल आयोजन करने जा रही है। हालांकि बीते साल के आम बजट में खेलो इंडिया के लिए 657 करोड़ निर्धारित थे, जिसे संशोधित बजट में 869 करोड़ रुपए किए जा सकते है। अब आने वाले साल के लिए 974 रखे जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ की राशि भी रखी जाने वाली है।
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का भी बढ़ेगा बजट: नेशनल डोप टेस्टिंग एजेंसी का बजट 10 से 17 और NDTL का 12 से 13 करोड़ रुपए की जा चुकी है। नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट फंड का बजट 25 से 16 करोड़ भी किया जा सकता है। इस फंड में निजी कंपनियां खेलों की सहायता के लिए सहायता राशि भी दाल रहे है। उतनी ही राशि खेल मंत्रालय को अपनी ओर से डालनी होती है। मणिपुर में चल रही नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का बजट 51 से 91 करोड़ रुपए किया जा चुका है। खिलाडिय़ों के कैश अवार्ड का बजट 38 से 40 करोड़ किया जा सकता है। प्रस्तावित नेशनल सेंटर फॉर स्पोट्र्स साइंस एंड रिसर्च के बजट को 10 से 7 करोड़ किया जा सकता है।
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