चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस टीम और स्पेशल टास्क फोर्स ने शनिवार (12 अगस्त) को भड़काऊ वीडियो और ऑडियो जारी करने के आरोप में फिरोजपुर झिरका से अफ़ज़ल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अफजल, 31 जुलाई को हरियाणा के मुस्लिम बहुल नूंह जिले में कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा का हिस्सा था। अफ़ज़ल पर सोशल मीडिया पर 'मेवात का बदला' के नाम से आगजनी करने और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों के वीडियो प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अफजल नूंह के पास के गांव फिरोजपुर जिरका का निवासी है। हरियाणा पुलिस की साइबर सेल ने अफ़ज़ल के खिलाफ दो FIR दर्ज की हैं। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के मामले में कुल 11 FIR दर्ज की गई हैं। बता दें कि, कुछ दिन पहले, दो ऑडियो फाइलें सुर्खियों में रहीं थी, जिसमे एक व्यक्ति को हरियाणा के नूंह और उसके आसपास रहने वाले मुसलमानों को भड़काते हुए सुना गया था। अफजल ने ही इस ऑडियो को दो ग्रुप में पोस्ट किया था। ऑडियो में उसने कहा कि खेड़ला चौराहे पर सिर्फ 2-4 लोग (हिंदू) मारे गए हैं। उन्होंने अपने साथी समुदाय के सदस्यों से यात्रा के भड़ास पहुंचने पर कम से कम 20-30 लोगों (हिंदुओं) को मारने के लिए भड़काया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अफ़ज़ल और अन्य दंगाइयों ने नूंह में हिन्दू विरोधी हिंसा को कवर कर रहे मीडिया कर्मियों से मोबाइल फोन और वीडियो भी छीन लिए थे। वह मुस्लिम समुदाय को और भड़काने के लिए उत्तेजक वीडियो भी बना रहा था और उन्हें व्हाट्सएप ग्रुपों पर प्रसारित कर रहा था। बता दें कि, नूंह हिंसा में अब तक हरियाणा पुलिस 218 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा 110 संदिग्ध अभी भी पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने पुलिस को संदिग्धों को हिरासत में लेने और उनके खिलाफ सबूत मिलने पर उन्हें अरेस्ट करने के निर्देश दिए हैं।
दंगाइयों के बचाव में कांग्रेस ?
बता दें कि, जहाँ हरियाणा पुलिस ने नूंह की सड़कों पर उत्पात मचाने वाले दंगाइयों पर कार्रवाई कर रही है, वहीं कांग्रेस इन दंगाइयों के समर्थन में खड़ी नज़र आ रही है। कांग्रेस विधायक आफताब अजमेद और मोहम्मद इलियास ने हरियाणा पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है और इसे 'निर्दोष' लोगों पर हमला करार दिया है।
कैसे भड़की थी नूंह में हिंसा ?
बता दें कि, विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के नेतृत्व में सावन सोमवार को प्राचीन शिव मंदिर में भोलेनाथ को जल चढ़ाने जा रही बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने अचानक हमला कर दिया था। इसमें 2 होम गार्ड समेत 6 लोगों की जान चली गई थी। साथ ही दंगाइयों ने 80 से अधिक वाहनों में आग लगा दी थी, जिसमे पुलिस के वाहन भी शामिल थे।
हिंसा के दौरान मौके पर तैनात ड्यूटी मजिस्ट्रेट अदीब हुसैन ने इसको लेकर एक FIR दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में अदीब हुसैन (FIR of Nuh Violence) ने जानकारी दी है कि वह मैनेजिंग ऑफिसर ओमबीर सिंह के साथ ड्यूटी पर मौजूद थे। इसी बीच एक समुदाय के 400-500 दंगाइयों ने श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाज़ी और अवैध हथियारों से फायरिंग करना शुरू कर दिया। भीड़ का इरादा जान से मारने का था। दंगाइयों ने सरकारी और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हमले के वक़्त हुसैन और ओमबीर सिंह नूहं बस स्टैंड पर मौजूद थे। उन्हें सूचना मिली थी कि सैकड़ों दंगाइयों ने 35-40 श्रद्धालुओं पर हमला कर उन्हें वार्ड क्रमांक 9 में स्थित राम मंदिर के अंदर बंधक बना लिया है।
अदीब हुसैन ने अपनी शिकायत (FIR of Nuh Violence) में बताया है कि दंगाई, श्रद्धालुओं को राम मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकलने दे रहे थे। जब वे (हुसैन) मौके पहुँचे, तो 400-500 दंगाइयों ने लाठी, डंडे, पत्थर और अवैध हथियारों के साथ उन्हें मारने के लिए उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान अदीब हुसैन ने ओमबीर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों को दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए उचित बल का इस्तेमाल करने का आदेश दिया। इसमें उन्हें सफलता भी मिली। दंगाई वहां से भागे। जिसके बाद पुलिस बल ने किसी तरह बंधक बने श्रद्धालुओं को वहां से मुक्त कराया।
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