नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मई में होने वाली बैठक से पूर्व उत्तर कोरिया के विदेश मेंत्री री योंग हो अगले सप्ताह रूस की यात्रा पर भेज रहे है. इसके अलावा वह यूरोपीय संघ के अधिकारियों से मिलने ब्रसेल्स भी जाएंगे. इस यात्रा का सबसे बड़ा मकसद आपसी संबंधों को मजबूती देना और परमाणु मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान करना है. उनकी इस यात्रा पर दक्षिण कोरिया नजर रखे हुए है. दक्षिण कोरिया का यह भी कहना है कि दोनों नेताओं के बीच होने वाली अहम बैठक से पहले उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे पर अपनी सोच और जरूरत को साफ कर देना चाहता है. इसलिए ही यह कवायद की जा रही है.
आपको बता दें कि ट्रंप से होने वाली अहम बैठक से पूर्व किम जोंग उन ने बीजिंग की यात्रा की थी. ट्रंप से होने वाली बैठक से पहले 27 अप्रैल को किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे की मुलाकात सीमा पर स्थित पनमुंजम गांव में होनी है. लेकिन इस बीच यॉनहॉप समाचार एजेंसी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु साइट पर नई कंस्ट्रक्शन करने में लगा हुआ है.
यूएस की एक वैबसाइट की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सैटेलाइट इमेज के मुताबिक योंगब्योन स्थित 5 मेगावाट रिएक्टर के आसपास कुछ चीजों को तबदील होते हुए दर्ज किया गया है. मीडिया में आई इस खबर के बाद एक बार फिर से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया बातचीत की आड़ में कुछ और ही करने में लगा हुआ है. यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया की नजरें उस पर लगी हुई हैं. अमेरिका की सैटेलाइट्स का रुख हमेशा से ही उत्तर कोरिया की ओर लगा रहा है. इससे पहले भी इस तरह की खबर अमेरिका की तरफ से आई थी. इसका असर कहीं न कहीं आगामी वार्ता पर भी जरूर दिखाई देगा.
क्या सचमुच बदल गए हैं किम जोंग ?
किम जोंग ने की चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात
चीन की गुप्त यात्रा पर तानाशाह किम जोंग