नई दिल्ली: देश में अवैध तरिके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से बाहर किये जाने पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख द्वारा दिए गए बयान पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कहा है कि यह देश की छवि धूमिल करने की सोची समझी कवायद है. भारत की आलोचना के साथ देश की सुरक्षा को नहीं देखा जा रहा है. जिसमे इनके भारत में अवैध तरिके से रहने पर देश की आंतरिक सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.
बता दे कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जेड राद अल हुसैन द्वारा म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत से वापस भेजने की आलोचना की गयी थी. जिसमे भारत द्वारा अवैध तरिके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानो को बाहर भेजने को गलत करार दिया था. किन्तु केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा है कि इन आलोचनाओं में भारत की सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया है. केंद्र सरकार म्यांमार में कथित उत्पीड़न के कारण भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों को अवैध अप्रवासी मानते हुए भारत से वापस भेजने की योजना बना रही है. रोहिंग्या मुसलमान अवैध प्रवासी है. और इन्हे भारत से वापस भेजा जाना जरुरी है.
इससे पहले गृह मंत्रालय द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों से खतरे की भी बात कही गयी थी, जिसमे कहा गया था कि आतंकी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को भारत के ख़िलाफ़ आतंकी घटनाओं में इस्तेमाल कर सकते हैं. और देश में आतंकवादी घटनाओ में रोहिंग्या मुसलमान शामिल हो सकते है. वर्तमान में भारत मे अवैध तरीके से 40 हज़ार रोहिंग्या अलग अलग राज्यों में रह रहे हैं. जिसमे जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर और राजस्थान में सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे है. जम्मू कश्मीर में यह संख्या करीब 10,000 के ऊपर है. ऐसे में किसी अनहोनी घटना के होने से पहले ही इन्हे देश से बाहर निकालने की बात कही गयी थी. वही अब एक बार फिर से रोहिंग्या मुसलमान पर गृह मंत्रालय ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
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