नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पेंडिंग मामलों की तादाद 5 करोड़ के नजदीक पहुंचने पर अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई जज 50 मामलों का निपटारा करता है, तो 100 नए मामले दर्ज हो जाते हैं, क्योंकि लोग अब ज्यादा जागरूक हैं और वे विवादों के निपटान के लिए न्यायालयों का दरवाजा खटखटाने लगे हैं।
किरेन रिजिजू ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में शनिवार को सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के कामकाज पर एक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालयों में पेंडिंग मामलों को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रही है। बता दें कि, इससे पहले कानून मंत्री ने संसद के मानसून सत्र में एक सवाल के जवाब में कहा था कि पूरे देश की अदालतों में 4.83 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं। निचली अदालतों में चार करोड़ से ज्यादा और सर्वोच्च न्यायालय में 72,000 से अधिक केस लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता पर प्रस्तावित कानून से वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र पर नए सिरे से ध्यान देकर अदालतों में केसों की संख्या कम करने में सहायता मिलेगी। रिजिजू ने कहा कि भारत और अन्य देशों में पेंडिंग मामलों की कोई तुलना नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि हमारी समस्याएं अलग हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देश ऐसे भी हैं जिनकी आबादी पांच करोड़ भी नहीं हैम, जबकि भारत में लंबित मामलों की तादाद पांच करोड़ के करीब है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कानून मंत्रालय त्वरित न्याय देने में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण की हर संभव सहायता करेगा।
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