नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसान आंदोलन 48 वें दिन में प्रवेश कर चुका है. शीर्ष अदालत ने आज तीनों कृषि कानून के अमल पर रोक लगा दी है. इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि शीर्ष अदालत के इस कदम का स्वागत है लेकिन जो 4 सदस्य कमेटी बनाई गई है, उसमे सभी सरकार के आदमी हैं. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सदस्य भूपेंद्र सिंह मान के 4 सदस्य कमेटी में शामिल किए जाने पर राकेश टिकैत ने कहा है कि वह किसान मोर्चा के नाम पर दूसरे काम करते हैं.
राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक यह तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे, तब तक यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा. वापस घर नहीं जाएंगे. सर्वोच्च न्यायालय ने जो महिलाओं और बच्चों को आंदोलन से वापस भेजने की अपील की, उस पर राकेश टिकैत ने कहा है कि बैठक में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि बैठक में तय होगा कि क्या करना है. राकेश टिकैत ने बताया कि 26 जनवरी को तिरंगा झंडा लेकर दिल्ली मार्च करेंगे.
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को किसान आंदोलन पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने बड़ा फैसला दिया है. कृषि कानूनों के अमल पर उच्चतम न्यायालय ने आज अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ एक समिति के गठन की बात कही गई है जो इस मुद्दे पर बात करके हल निकालने की कोशिश करेगी. कमिटी में किन लोगों को शामिल किया जाएगा इसपर एक जानकारी सामने आई है. इसमे चार लोगों के नाम सामने आए हैं. समिति में शामिल चार लोगों में दो किसान नेता भी हैं. किसानों ने जो कमिटी बनाई गई है उसमें चार लोगों को सदस्य बनाया गया हैं. इसमें दो किसान नेता हैं. इसके साथ एक कृषि अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ भी शामिल हैं.
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