भोपाल : व्यापमं घोटाले में शिवराज सिंह और उनकी पत्नी का हाथ शामिल होने का आरोप लगाने वाले कॉंग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा को मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई गयी. भोपाल की एक अदालत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पर झूठा आरोप लगाने के लिए मानहानि मुक़दमे के तहत केके मिश्रा को 2 साल की सजा और 25 हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया है.
बता दें कि शिवराज सिंह के मानहानि मामले में सरकार की तरफ से अधिवक्ता आनंद तिवारी ने याचिका लगाई थी और इसकी सुनवाई साल 2014 से चल रही थी. हाईकोर्ट ने इस मामले को 6 माह में सुनवाई पूरी करने के आदेश भी दिए थे. यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश काशीनाथ सिंह की अदालत में चल रहा था। जहाँ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने केके मिश्रा को दोषी पाते हुए उन्हें 2 साल की सजा और 25 हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया है.
हालांकि इस मामले में केके मिश्रा को 50 हजार रुपए के बांड पर जमानत मिल गयी है. केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी पर आरोप लगाए थे, कि व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनकी पत्नी साधना सिंह का हाथ शामिल है. इसके बाद शिवराज सिंह ने केके मिश्रा के खिलाफ मानहानि मुकदमा दायर किया था.