नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने वकील विनीत जिंदल की उस मांग को ख़ारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही आरंभ करने की अनुमति दी जाए। बता दें कि शीर्ष अदालत की अवमानना के कानून की धारा 15 और नियमावली के नियम 3 के तहत अवमानना की कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट या सॉलिसिटर जनरल की सहमति जरुरी होती है।
दरअसल, वकील विनीत जिंदल ने अटार्नी जनरल (एजी) के के वेणुगोपाल को एक पत्र लिखकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय न्यायपालिका के खिलाफ और उसकी गरिमा को ख़राब करने वाली टिप्पणियां की हैं।
हालांकि, वेणुगोपाल ने जिंदल की मांग पर यह कहते हुए असहमति जताई कि राहुल गांधी ने न्यायपालिका पर "सामान्य" टिप्पणी की थी और विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट या न्यायाधीशों को टारगेट नहीं किया था। वेणुगोपाल ने कहा कि, मेरी सहमति देने का सवाल ही नहीं उठता। किसी भी घटना में, मेरी राय है कि विचाराधीन बयान जनता के दृष्टिकोण से संस्था के अधिकार को कमतर बताते हैं।
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