नई दिल्ली - लोढ़ा कमेटी की कई सिफारिशों से असंतुष्ट बीसीसीआई अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुँच गया है . एक याचिका के माध्यम से उसने आपत्ति दर्ज कराकर इन सिफारिशों का विरोध किया है . इस मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है जहाँ कई बिंदुओं पर बहस हो रही है
. जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर से बीसीसीआई में सुधारों को लेकर जो सिफारिशें की गई हैं उनमें से कई बीसीसीआई को मंजूर नहीं हैं. जिनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई है..सुप्रीम कोर्ट में जिन मुद्दों को लेकर बहस हो रही है उनमें से निम्न प्रमुख हैं -बीसीसीआई ने एक राज्य ,एक मत नीति का विरोध किया है. इसके पीछे वजह बताई गई है कि समय के साथ अलग-अलग राज्यों में कई एसोसिएशन बन गए हैं, अगर एक वोट का नियम लागू किया जाएगा तो बाकी एसोसिएशन के साथ अन्याय होगा.इसी तरह लोकपाल की नियुक्ति का भी विरोध किया है. बोर्ड का कहना है कि लोकपाल को वोटिंग की शक्ति दिया जाना आईसीसी के नियमों का उल्लंघन होगा.बोर्ड ने विज्ञापन पॉलिसी को लेकर भी विरोध किया है और कहा कि इन पर फिर विचार किया जाए. इसके अलावा बीसीसीआई और आईपीएल के लिए अलग-अलग गवर्निंग काउंसिल के गठन का भी विरोध किया है .
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को दिए जाने वाले पैसे के पीछे के मापदंडों की जानकारी मांगी. कोर्ट ने कहा कि यह अनियंत्रित और राजनीतिक रूप से प्रेरित है.कोर्ट ने सवाल किया कि बोर्ड क्यों चाहता है कि इसमें मंत्रियों को शामिल किया जाए और आयु सीमा की बाध्यता क्यों नहीं मानने को तैयार है ?