हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा है और आगे भी बना रहेगा, क्योंकि वे चिरंजीवी हैं यानी अमर हैं। उन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त है। वे जब तक चाहें शरीर में रहकर इस भूलोक पर स्थित रह सकते हैं। केवल इस बात के लिए ही हनुमान चालीसा का मौजूदा दुनिया में महत्व नहीं बढ़ जाता है, बल्कि इसलिए उनकी महत्ता है क्योंकि पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी भक्ति से हर प्रकार के संकट तत्काल ही हल हो जाते हैं और यह एक चमत्कारिक सत्य है।
इसके एक एक छंद का बहुत महत्व है, जिनसे काफी समस्याओं का हल हो सकता है जैसे-
1.बच्चे का पढ़ने में मन ना लगे तो उसको इस छंद का पाठ करना चाहिए- बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।
2.मन में बेवजह का भय हो तो निम्न पंक्ति पढ़ना चाहिए- भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे।
3.किसी भी कार्य को सिद्ध करना हो तो इस पंक्ति का पाठ करें- भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे।
4. अगर काफी समय से बीमार हैं तो यह पंक्ति पढ़ें- नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा।
5. अगर जीवन का संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें- संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
या संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।
6. अगर आप बुरी संगत में पड़े हैं और आपसे यह सांगत छुट नहीं रही है तो यह पंक्तियां पढ़ें- महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।
7. अगर आप किसी भी तरह के बंधन में हैं तो- जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई।
8.किसी भी तरह का डर है तो यह पढ़ें- सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।
9.आपके मन में किसी भी तरह की मनोकामना है तो पढ़ें- और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।
क्यों नहीं काटना चाहिए पीपल का पेड़