धुआधार, जो मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर शहर में स्थित है, फेमस के लिए मशहूर है। धुआधार को फेमस इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर नर्मदा नदी का पानी धुआधार (झड़नेवाला) रूप लेकर बहने के कारण है। नर्मदा नदी जबलपुर शहर से गुजरती है और धुआधार फॉल्स के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर नर्मदा नदी का जल पत्थर पर गिरने से ऊँचा धारा में गिरता है, जिससे पानी का प्रवाह तेज हो जाता है। इसका परिणाम है कि पानी का प्रवाह बहुत तेजी से होता है और पानी की धारा धुआधार की तरह लगता है।
धुआधार का दृश्य अनोखा है और यहां पर पानी की गति और उसकी धारा के कारण यह स्थान प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आने वाले पर्यटक इस सुंदर प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेते हैं। धुआधार का नजारा जब पानी के धुए से घिरा होता है, तो यह एक आकर्षक और प्राकृतिक रूप ले लेता है, इसलिए इसे "धुआधार" कहा जाता है। धुआधार की खोज पहली बार 1829 में एक ब्रिटिश व्यक्ति ने की थी। उनका नाम कैप्टन फॉरेस्टर था, जो तब भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान सेना के अधिकारी थे।
कैप्टन फॉरेस्टर नर्मदा नदी पर घुमने के दौरान धुआधार के विचरण का सामरिक महत्व पहचाने। उन्होंने धुआधार की ऊंचाई और इसके निकट से गुजरने वाली नर्मदा नदी के गहरे खाई को देखा और इसे दर्ज किया। यह अविश्वसनीय प्राकृतिक दृश्य और पानी की तेज धारा उनको प्रभावित करने में सफल रही।
इस खोज के बाद, धुआधार ने मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर को पर्यटन स्थल के रूप में मशहूरी प्राप्त की है और यहां पर्यटकों का महत्वपूर्ण आकर्षण बन गया है। धुआधार का दृश्य अद्भुत होता है और वहां पर्यटक अपनी रोमांचक यात्रा का आनंद लेते हैं।
धुआधार में सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर 'चौबीस अवतार मंदिर' है। यह मंदिर धुआधार फॉल्स के निकट स्थित है और यहां भगवान विष्णु के 24 अवतारों की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर की स्थापना मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा की गई है।
चौबीस अवतार मंदिर में हर अवतार के विशेष स्थान पर मंदिर स्थापित है। यहां पर्यटक भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा-अर्चना करते हैं और इस पवित्र स्थान का दर्शन करने आते हैं।
चौबीस अवतार मंदिर का आस-पास सुंदर वातावरण है और इसे पर्यटकों के लिए एक मनोहारी स्थल बनाने के लिए सुंदरीकरण कार्य किया गया है। मंदिर के पास यात्रियों के लिए धर्मशाला और भोजनालय भी हैं जो उन्हें आरामदायक और सुविधाजनक ठहरने का विकल्प प्रदान करते हैं।
धुआधार में सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर 'चौबीस अवतार मंदिर' है। यह मंदिर धुआधार फॉल्स के निकट स्थित है और यहां भगवान विष्णु के 24 अवतारों की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर की स्थापना मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा की गई है।
चौबीस अवतार मंदिर में हर अवतार के विशेष स्थान पर मंदिर स्थापित है। यहां पर्यटक भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा-अर्चना करते हैं और इस पवित्र स्थान का दर्शन करने आते हैं।
चौबीस अवतार मंदिर का आस-पास सुंदर वातावरण है और इसे पर्यटकों के लिए एक मनोहारी स्थल बनाने के लिए सुंदरीकरण कार्य किया गया है। मंदिर के पास यात्रियों के लिए धर्मशाला और भोजनालय भी हैं जो उन्हें आरामदायक और सुविधाजनक ठहरने का विकल्प प्रदान करते हैं।
'चौबीस अवतार मंदिर' धुआधार फॉल्स के पास स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित होने के कारण भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंदिर धर्मिक और पर्यटन दोनों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। नीचे चौबीस अवतार मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
मंदिर की आधारशिला: चौबीस अवतार मंदिर की आधारशिला विशेष रूप से रखी गई है। यहां पर भगवान विष्णु के 24 अवतारों की मूर्तियां स्थापित हैं, जो इस मंदिर को अनूठा बनाती हैं।
मंदिर का वास्तु: यह मंदिर वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्मित हुआ है और संतुलित और धार्मिक वातावरण का निर्माण किया गया है।
मंदिर के अवतार: चौबीस अवतार मंदिर में हर अवतार के विशेष स्थान पर मंदिर स्थापित है। यहां पर आप भगवान विष्णु के अवतारों की प्रतिमाएं देख सकते हैं, जैसे मत्स्य, कच्छप, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, श्रीराम, कृष्ण, बुद्ध, और कल्कि आदि।
पूजा विधि: इस मंदिर में नियमित रूप से विष्णु भक्तों के लिए पूजा आयोजित की जाती है। यहां पर्यटक भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा-अर्चना कर सकते हैं और मंदिर में शांति और सकारात्मकता का आनंद ले सकते हैं।
पर्यटन सुविधाएं: चौबीस अवतार मंदिर के पास पर्यटकों के लिए आरामदायक सुविधाएं हैं। यहां पर्यटकों के लिए धर्मशाला और भोजनालय हैं, जो उन्हें आरामदायक और सुविधाजनक ठहरने का विकल्प प्रदान करते हैं।
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