यहाँ जानिए 1 से 9 महीने तक गर्भवती महिलाओं को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

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गर्भावस्था एक महिला के जीवन का एक विशेष और नाजुक चरण होता है। माँ और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए आहार और पोषण पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता है। स्वस्थ गर्भावस्था और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ अक्सर गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इस पर मार्गदर्शन देते हैं। इस लेख में आपको बताएंगे गर्भावस्था के प्रत्येक तिमाही, पहले से नौवें महीने तक के लिए आहार संबंधी बातें...

पहली तिमाही (महीने 1 से 3): क्या खाएं
गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान, अतिरिक्त सावधानी बरतना और विशिष्ट आहार विकल्पों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। इस प्रारंभिक चरण के लिए यहां कुछ आहार संबंधी सिफारिशें दी गई हैं:
लंबी यात्राओं से बचें: पहली तिमाही के दौरान लंबी यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे शारीरिक रूप से कठिन और तनावपूर्ण हो सकती हैं।
कुछ फलों से सावधान रहें: माना जाता है कि पपीता, अनानास और कटहल जैसे कुछ फलों में ऐसे गुण होते हैं जो गर्भाशय के संकुचन को प्रेरित कर सकते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती महीनों के दौरान इन फलों से परहेज करना सबसे अच्छा है।
हाइड्रेटेड रहें: हाइड्रेटेड रहने के लिए पूरे दिन खूब पानी पिएं। निर्जलीकरण विभिन्न जटिलताओं को जन्म दे सकता है, इसलिए अपने तरल पदार्थ का सेवन बनाए रखना आवश्यक है।
बार-बार, छोटे भोजन: तीन बड़े भोजन के बजाय, छोटे, अधिक बार भोजन खाने पर विचार करें। यह मतली को कम करने में मदद कर सकता है, जो पहली तिमाही के दौरान एक आम लक्षण है।
घर का बना जूस: यदि आप मतली या सुबह की मतली का अनुभव करते हैं, तो स्टोर से खरीदे गए फलों के रस के बजाय घर का बना फलों का रस चुनें। घर का बना जूस ताज़ा होता है और आपके पेट पर कोमल हो सकता है।
तरल पदार्थों पर ध्यान दें: चूंकि पहली तिमाही में उल्टी एक आम समस्या हो सकती है, इसलिए तरल पदार्थों पर ध्यान देना जरूरी है। क्लियर सूप, हर्बल चाय और जिंजर एले सुखदायक और हाइड्रेटिंग हो सकते हैं।
प्रसवपूर्व विटामिन लें: आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित प्रसवपूर्व विटामिन यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि आपको आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं, खासकर यदि मॉर्निंग सिकनेस के कारण आपका आहार सीमित है।

दूसरी तिमाही (महीने 4 से 6): क्या खाएं
दूसरी तिमाही को अक्सर गर्भावस्था की सबसे आरामदायक और स्थिर अवधि माना जाता है। इन महीनों के दौरान, ध्यान बच्चे के विकास में मदद करने और माँ के स्वास्थ्य को बनाए रखने पर होना चाहिए। यहां कुछ आहार संबंधी सिफारिशें दी गई हैं:
वजन बढ़ना: डॉक्टरों के अनुसार, दूसरी तिमाही के दौरान वजन बढ़ना सामान्य है, क्योंकि इससे बच्चे के विकास में मदद मिलती है। अत्यधिक वजन बढ़ने की बजाय संतुलित आहार पर ध्यान दें।
हड्डी और मांसपेशियों का स्वास्थ्य: कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें, क्योंकि ये आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य और बच्चे के विकास दोनों के लिए आवश्यक हैं। दूध और दही जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम के उत्कृष्ट स्रोत हैं।
आयरन और फोलेट: गर्भावस्था के दौरान आयरन और फोलिक एसिड महत्वपूर्ण हैं। इन पोषक तत्वों का पर्याप्त सेवन सुनिश्चित करने के लिए अपने आहार में लीन मीट, बीन्स, दाल और पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यदि आवश्यक हो, तो अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार आयरन और फोलिक एसिड की खुराक लें।
पाचन स्वास्थ्य: गर्भावस्था के हार्मोन आपके पाचन को प्रभावित कर सकते हैं। कब्ज और अपच से निपटने के लिए अपने आहार में साबुत अनाज, फल और सब्जियां जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
जलयोजन: हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पीना जारी रखें। उचित जलयोजन मूत्र पथ के संक्रमण को रोक सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान अधिक आम है।
प्रोटीन: सुनिश्चित करें कि आपको अपने बच्चे के विकास में सहायता के लिए पर्याप्त प्रोटीन मिल रहा है। प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में लीन मीट, पोल्ट्री, मछली, अंडे और पौधे-आधारित विकल्प जैसे टोफू और फलियां शामिल हैं।
नियमित व्यायाम: संतुलित आहार के साथ-साथ, नियमित, मध्यम व्यायाम दूसरी तिमाही के दौरान आपके समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। उपयुक्त व्यायाम अनुशंसाओं के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।

तीसरी तिमाही (माह 7 से 9): क्या करें
जैसे-जैसे आप अंतिम तिमाही के करीब पहुंचते हैं, आपके शरीर में बच्चे के जन्म की तैयारी में महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं। यहां तीसरी तिमाही के लिए कुछ आहार संबंधी सिफारिशें दी गई हैं:
कैल्शियम और विटामिन ई: पर्याप्त कैल्शियम का सेवन आपके स्वास्थ्य और बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन ई भी फायदेमंद होता है, इसलिए अपने आहार में पालक, कीवी और संतरे जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
रक्त की मात्रा का समर्थन: तीसरी तिमाही के दौरान, आपके रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। इसका समर्थन करने के लिए, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट, पोल्ट्री और फोर्टिफाइड अनाज का सेवन करें। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ आयरन के अवशोषण को बढ़ा सकते हैं।
तरल पदार्थ का सेवन: प्रसव के करीब आने पर आपके तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हाइड्रेटेड रहने से रक्त की मात्रा कम होने से संबंधित जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक और केल जैसे खाद्य पदार्थ फोलेट और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के उत्कृष्ट स्रोत हैं। ये सब्जियाँ आपके बच्चे के विकास में सहायता करती हैं और आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं।
नारियल पानी: नारियल पानी पीने से निर्जलीकरण से निपटने और इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से भरने में मदद मिल सकती है, जो विशेष रूप से प्रसव और प्रसव के दौरान फायदेमंद है।
संतुलित प्लेट: एक संतुलित प्लेट का लक्ष्य रखें जिसमें कम से कम 50% कार्बोहाइड्रेट (जैसे चावल या साबुत अनाज की रोटी), प्रोटीन का स्रोत (जैसे दाल या चिकन), और बहुत सारी सब्जियाँ शामिल हों।
अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें: तीसरी तिमाही में, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है। वे आपके स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं, आपकी विशिष्ट आहार संबंधी आवश्यकताओं पर मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं और किसी भी चिंता का समाधान कर सकते हैं।

निष्कर्षतः, गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार माँ और बच्चे दोनों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है। प्रत्येक तिमाही अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं और चुनौतियों के साथ आती है, और आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सलाह और सिफारिशों का पालन करना आवश्यक है। एक स्वस्थ गर्भावस्था और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित आहार, उचित जलयोजन और नियमित प्रसव पूर्व देखभाल महत्वपूर्ण कारक हैं। याद रखें कि प्रत्येक गर्भावस्था अनोखी होती है, इसलिए मातृत्व की अपनी यात्रा के दौरान व्यक्तिगत मार्गदर्शन और सहायता के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।

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