कम्प्यूटर चलाने वाले लोगों की आंखों पर काफी ज्यादा तनाव पड़ता है. लगभग 8 प्रतिशत कम्प्यूटर इस्तेमालकर्ताओं को हर दिन आंखों के दर्द और स्ट्रेन को झेलना पड़ता है.अध्ययन से यह स्पष्ट हो चुका है कि शुरूआत में, आपकी इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चलेगा लेकिन धीरे-धीरे इससे आपको काफी दिक्कतें होने लगेगी.आंखों पर पड़ने वाले इस तनाव को मेडीकल भाषा में एस्थेनोपिया कहा जाता है जो कि असहज और परेशान कर देने वाला होता है.
अगर आप दिन के कई घंटे पीसी या लैपटॉप के सामने बिताते हैं तो बीच-बीच में आराम करते रहें.
1-अपनी आदत एकदम से चिपके रहने की न बनाएं. अपनी आंखों को मोशन करने दें. आसपास भी आंखों को घुमाएं और थोड़ देर के लिए बंद कर लें. इससे आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाएगा.
2-आंखों पर पड़ने वाले तनाव का सीधा प्रभाव आंखों की रोशनी पर पड़ता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की ऊर्जा और उसकी परफॉर्मेंस पर बुरा प्रभाव पड़ता है. कई बार इसकी वजह से आंखों में समस्या भी हो जाती है.
3-इसके लिए आपको हमेशा सतर्क और आंखों का ख्याल रखने की आदत होनी चाहिए. ज्यादा लम्बे समय तक पीसी या किसी अन्य स्क्रीन के सामने न बैठे, वरना आंखों में लालामी, खुजली, कमर में दर्द, गर्दन में दर्द, धुंधला दिखना जैसी कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो जाएगी.
4-इसके अलावा,ध्यान दें कि आप जिस जगह पर पीसी आदि पर काम कर रहे हों, वहां रोशनी पर्याप्त हो. अंधेरे में काम न करें, इससे आंखों पर ज्यादा तनाव पड़ता हैआंखों को दिन में दो से चार बार ठंडे पानी से धुलते रहें और उन्हें हल्की मसाज दें. प्रदूषण से बचाने के लिए काला चश्मा पहनें.