उच्च रक्त चाप यानी हाइपरटेंशन वह समस्या है जब धमनियों यानी आर्टरी में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसके चलते कई गंभीर शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लिस्ट में ह्रदय रोग, किडनी फेल्योर, स्ट्रोक व आंखों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। हालाँकि अगर खान-पान और प्राकृतिक चीज़ों का सेवन किया जाए, तो रक्त चाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी जड़ आपको इससे बचा सकती है। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ के फायदे के बारे में।
आपको बता दें कि सदाबहार एक फ्लावरिंग प्लांट है, जिस पर गुलाबी, सफ़ेद और पर्पल रंग के सदाबहार फूल खिलते हैं। इस पौधे को अंग्रेज़ी में Madagascar Periwinkle के नाम से जाना जाता है। इसी के साथ इसका वैज्ञानिक नाम Catharanthus roseus है। कहा जाता है सदाबहार की गिनती औषधीय पौधों में होती है। इस पर कई वैज्ञानिक शोध हो चुके हैं, जिसमें विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सदाबहार के फ़ायदे देखे गए हैं। कहते हैं विभिन्न शारीरिक समस्याओं में इसके फूल, पत्तों, टहनियों व जड़ों का भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं शरीर में रक्त चाप को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ लाभकारी हो सकती है।
कहते हैं इसमें एल्कलॉइड पाया जाता है, जो हाइपोटेंसिव (ब्लड प्रेशर को कम करने वाला) प्रभाव दिखा सकता है, जिससे शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। वहीं एल्कलॉइड में एंटी-कैंसर प्रभाव भी पाए जाते हैं यानी इसका सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। लेकिन इसे कैंसर का इलाज नहीं कहा जा सकता है। वहीं डायबिटीज़ में सदाबहार के फ़ायदे मिलते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इसका उपयोग मलेरिया, बुखार व अल्सर में भी फ़ायदेमंद होता है।
कैसे करें उपयोग- उच्च रक्तचाप के लिए सदाबहार की जड़ को डॉक्टरी परामर्श पर थोड़ी मात्रा में सुबह खाली पेट चबाया जा सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि जड़ को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद ही इस्तेमाल में लाएं। इसी के साथ सदाबहार की जड़ का रस निकालकर भी थोड़ी मात्रा में सेवन कर सकते हैं। आप चाहे तो सदाबहार की जड़ को सुखाकर फिर उसका चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
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