जानिए बच्चों के लिए दूध में डालें कितनी चीनी

जानिए बच्चों के लिए दूध में डालें कितनी चीनी
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दूध को हमेशा से ही पोषण का खजाना कहा जाता है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन डी भरपूर मात्रा में होते हैं, इसके साथ साथ विटामिन बी12, मैग्नीशियम, और पोटेशियम भी होते हैं। दूध बच्चों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब बच्चे की उम्र बढ़ती है और मां का दूध गाय के दूध में बदलता है। दूध हड्डियों, दांतों, और मांसपेशियों के विकास में सहायक होता है, और हाइट बढ़ाने में भी मदद करता है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग बच्चों के दूध में चीनी डालते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानें कि इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

दूध में चीनी डालने के नुकसान

विशेषज्ञ डॉक्टर किरण गुप्ता के अनुसार, दूध को पोषण का स्रोत मानकर दिया जाता है ताकि बच्चे की ताकत बढ़े और वह हेल्दी रहे। दूध में प्रोटीन और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। लेकिन जब दूध में चीनी मिला दी जाती है, तो यह पोषक तत्व सही से शरीर को नहीं मिल पाते। इससे दूध के साथ मिला हुआ चीनी शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और शर्करा जोड़ देता है, जिससे पेट में वॉर्म्स (कीड़े) भी पनप सकते हैं। इससे बच्चे का डाइजेशन बिगड़ सकता है और उसे बार-बार लूज मोशन हो सकता है।

बच्चों के मूड में बदलाव

रोजाना दूध में चीनी डालकर देने से बच्चे की शारीरिक सेहत पर तो असर पड़ता ही है, इसके अलावा इससे बच्चे के मूड में भी बदलाव आ सकता है। चीनी के सेवन से बच्चों में हाइपर एक्टिविटी, चिड़चिड़ापन, और रोना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह उनके व्यवहार पर भी प्रभाव डाल सकता है और उनके मूड को बिगाड़ सकता है।

पेट में वॉर्म्स की समस्या

बच्चों के पेट में वॉर्म्स की समस्या आम है, लेकिन यह चीनी के अधिक सेवन से भी हो सकती है। गंदे हाथ या प्रदूषित पानी के अलावा, चीनी भी पेट में कीड़े पैदा कर सकती है। इससे गुदा में रैशेज भी हो सकते हैं, जो बच्चे को बहुत परेशान कर सकते हैं। डॉक्टर किरण गुप्ता का कहना है कि बच्चों को आर्टिफिशियल चीजें, जैसे कि डिब्बाबंद दूध और चीनी, कम से कम दो साल तक नहीं देनी चाहिए। इसके बजाय, उन्हें हेल्दी और नेचुरल चीजें देना चाहिए।

बच्चों के लिए हेल्दी फूड्स: बच्चों को सही पोषण देने के लिए, प्राकृतिक खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, और अनाज पर ध्यान दें। आप गेहूं को भिगोकर उसके स्प्राउट्स बना सकते हैं, और इसे सुखाकर हल्का भूनकर पाउडर बना सकते हैं। इस पाउडर को दाल, सूजी, या अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर देने से बच्चे को अधिक पोषण मिलता है। यह उनकी सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा और उन्हें स्वस्थ बनाए रखेगा।

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