नई दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए भारत में अब 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण जारी है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इसका ऐलान करने के बाद 1 जनवरी 2022 से पंजीकरण शुरू हुआ और 3 जनवरी से वैक्सीन लगनी शुरू हो गई। ताजा खबर यह है कि भारत में नेजल वैक्सीन (नाक के माध्यम से दी जाने वाली वैक्सीन) के ट्रायल की इजाजत दे दी गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने वैक्सीन निर्माता स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक को यह इजाजत दी है।
क्या है नेज़ल वैक्सीन (Nasal Vaccine) और कैसे करेगी काम ?
इस वैक्सीन को नाक के रास्ते शरीर में भेजा जाता है और इसके लिए सिरिंज की आवश्यकता भी नहीं होती है। वहीं, भारत बायोटेक कंपनी की मानें तो इस नेजल वैक्सीन की केवल चार बूंदे ही पर्याप्त होंगी। नाक के दोनों छिद्रों में इसकी दो-दो बूंदें डाली जाएंगी। वहीं, माना जा रहा है कि ये बच्चों पर बेहद कारगर होगी। यह वैक्सीन कथित तौर पर नाक के एयरवेज से आरंभ होने वाले रेस्पिरेटरी पैसेज के भीतर संक्रमण की जगह पर एक इम्यूनिटी प्रतिक्रया पैदा करती है। बच्चों के मामले में इसे कोरोना के संक्रमण और प्रसार को रोकने के लिए बेहद असरदार माना जाता है।
भारत में इस नेज़ल वैक्सीन का निर्माण हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा किया जा रहा है। इसमें वो वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की सहायता ले रहा है, जिससे वो BBV154 नेज़ल वैक्सीन बना रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रायल सफल होने के बाद बूस्टर डोज के तौर पर nasal vaccine का इस्तेमाल किया जाएगा।
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