उमंग, उल्लास और खानपान का उत्सव होली दो दिन तक मनाया जाता है. पहले दिन होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका-दहन कहते हैं. होली के दूसरे दिन को धुरड्डी, धुलेंडी, धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल फेंकेते हैं और घर-घर जाकर लोगों को रंग लगाते हैं.
आइए जानते हैं, इस पर्व से जुड़ी कुछ रोचक बातें
1-होली केवल रंगों का ही त्योहार नहीं है, बल्कि ओर सामाजिक और धार्मिक त्योहार भी है. इसे सभी बड़े उत्साह से मनाते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें जातिभेद-वर्णभेद का कोई स्थान नहीं होता है. लकड़ियों और कंडों आदि का ढेर लगाकर मंत्र उच्चारण से होलिकापूजन किया जाता है, फिर होलिका जलायी जाती है.
2-होली के अवसर पर मथुरा के वृंदावन में अद्वितीय मटका समारोह का आयोजन किया जाता है. समारोह में दूध और मक्खन से भरा एक मिट्टी का मटका ऊंचाई पर बांधा जाता हैं और लड़के मटके तक पहुंचने के लिए जी-तोड़ कोशिश करते हैं. इस आयोजन को जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता हैं.
3-होली पर भरभोलिए जलाने की भी परंपरा है. भरभोलिए गाय के गोबर से बने ऐसे उपले हैं, जिनके बीच में छेद होता है. इनकी माला बनाई जाती है, जिसमें सात भरभोलिए होते हैं. इस माला को भाइयों के सिर से अनिष्ट को उतारा जाता है और होलिका दहन के समय यह माला होलिका के साथ जला दी जाती है.
4-होली के अवसर पर लोग स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं, जिसमें गुझिया, मालपुआ, दही-बड़ा खास व्यंजन हैं. लोग नाचते-गाते हैं और ढोल बजाकर होली के गीत गाते हैं. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं.