मेनोपॉज (Menopause) के बारे में समाज में कई मिथक और गलतफहमियाँ हैं। अक्सर पीरियड्स और मेनोपॉज को लेकर अजीब बातें की जाती हैं, और लोग इन पर खुलकर बात नहीं करना पसंद करते। इस दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनके कारण मूड स्विंग्स और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस आर्टिकल में हम मेनोपॉज से जुड़े कुछ सामान्य मिथकों और सच्चाइयों पर चर्चा करेंगे।
मेनोपॉज क्या है?
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के पीरियड्स रुक जाते हैं। यह आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है, जब महिलाएं अपनी ओवरी में अंडाणुओं की समाप्ति के कारण पीरियड्स बंद हो जाते हैं। यह एक बायोलॉजिकल प्रोसेस है, न कि कोई बीमारी या विकार। कुछ महिलाओं को मेनोपॉज 30 की उम्र के बाद भी हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे बूढ़ी हो गई हैं।
मेनोपॉज के बारे में मिथक और तथ्य
मिथक 1: मेनोपॉज का मतलब है कि आप बूढ़े हो गए हैं
सच्चाई: मेनोपॉज एक बायोलॉजिकल प्रोसेस है और इसका मतलब यह नहीं है कि आप बूढ़े हो गए हैं। यह उम्र का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इसका अनुभव विभिन्न उम्र की महिलाओं को होता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समय अपनी सेहत का ध्यान रखें और आराम करें।
मिथक 2: पेरिमेनोपॉज़ल चरण में गर्भवती नहीं हो सकते
सच्चाई: पेरिमेनोपॉज़ के दौरान प्रजनन क्षमता कम हो जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गर्भवती होने की संभावना पूरी तरह समाप्त हो गई है। यदि आप गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं करती हैं, तो प्रेग्नेंसी की संभावना बनी रह सकती है। इसलिए, मेनोपॉज तक पहुंचने तक गर्भनिरोधक का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
मिथक 3: मेनोपॉज के कारण वजन बढ़ जाता है
सच्चाई: मेनोपॉज के कारण वजन बढ़ना जरूरी नहीं है, लेकिन हार्मोनल चेंजेज के कारण शरीर की संरचना में बदलाव आ सकते हैं। पेट के चारों ओर वजन बढ़ सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए, आपको अपनी खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना चाहिए।
मिथक 4: मेनोपॉज से शरीर की गर्मी बढ़ जाती है
सच्चाई: मेनोपॉज के दौरान शरीर की गर्मी महसूस हो सकती है, साथ ही रात में पसीना आना, मूड स्विंग्स और नींद की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए मसालेदार खाना, शराब और गर्म पेय पदार्थों से बचना चाहिए।
मिथक 5: मेनोपॉज से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित नहीं होता
सच्चाई: मेनोपॉज के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। मूड स्विंग्स और तनाव आम समस्याएं हैं, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। प्री-मेनोपॉज और मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों में मानसिक बदलाव आ सकते हैं। नोपॉज एक स्वाभाविक जीवन चक्र का हिस्सा है, और इसे लेकर समाज में फैली गलतफहमियों को दूर करना महत्वपूर्ण है। यह आवश्यक है कि महिलाएं इस प्रक्रिया को समझें और अपनी सेहत का ध्यान रखें। उचित खानपान, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखकर इस समय को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
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