शंख का पूजा घर में होना सौभाग्य का प्रतीक होता है. शंख को महालक्ष्मी का ही दूसरा रूप माना जाता है. कहते है जिस घर में सुबह शाम शंख की ध्वनि होती है वहाँ कभी बुरी आत्माओ का वास नहीं होता है. शंख की आवाज घर के वातावऱण को शुद्ध करती है. पर हमारे शास्त्रो में को शंख को बजाने को लेकर कई सारे नियम बनाये गए है.
1-शंख विष्णु भगवान् के आभूषणों में से एक है.इसे भगवान विष्णु के चार आयुध शस्त्रों में गिना जाता है. भगवान विष्ण के हाथों मंव चक्र, गदा, पदम यानी कमल का फूल और की तरह शंख भी होता है.
2-ऐसा माना जाता है की जब आप शंख बजाते है तब इसकी आवाज से प्रसन्न होकर भगवान् विष्णु सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं. शंख बजाने तथा इसकी आवाज सुनने वाले हर व्यक्ति को लाभ मिलता है.
3-शंख को कभी भी ऐसे ही नहीं रखना चाहिए.इसे हमेशा लाल कपडे में लपेट कर घर के पूजा स्थल पर रखे.
4-हमारे शास्त्रो में घर में शंख बजाने का सही समय सुबह और शाम बताया गया है.इसके अलावा कभी भी शंख ना बजाये.
5-अपने घर के पूजा घर में एक से ज्यादा शंख ना रखे.
6-कभी भी किसी दुसरे को अपना शंख न दे और ना खुद कभी किसी दूसरे का शंख आप इस्तेमाल करें.
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