विश्व मानवतावादी दिवस (world humanitarian day) मनाए जाने की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) वर्ष 2008 में यह दिवस मनाए जाने की शुरूआत की थी। इसका मकसद यह था कि इसके माध्यम से उन मानवीय कर्मियों को उचित सम्मान दिया जा सके, जिन्होंने मानव मात्र की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया है। यह दिन इंसानियत के ऐसे सेवकों को समर्पित है, जिन्होंने मानवता की सेवा करते हुए अपनी जान की भी परवाह नहीं की।
यह दिवस 19 अगस्त को इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन वर्ष 2003 को बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (United Nations Headquarter) पर बमबारी हुई थी। इस बमबारी में इराक में संयुक्त राष्ट्र (UN) के शीर्ष दूत सर्जियो विएरा डी मेल्लो सहित 22 अन्य मानवतावादी कर्मचारियों की मौत हो गई थी। UN ने इस दिन को इंसानियत की सेवा करते हुए बलिदान हो जाने वाले लोगों की साहसिक कार्यों की याद के रूप में घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यों के प्रमुख स्टीफन ओब्रायन के मुताबिक, "यह मानवीयता को याद करने और दुनियाभर के उन हजारों मानवीय सहायता कर्मियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने संकट और घोर निराशा के बीच जरूरतमंद लोगों को जीवनरक्षक मदद उपलब्ध कराने के लिए अपनी जिंदगी खतरे में डाली।"
आपको बता दें कि 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के मौके पर अपनी जान पर खेल के दूसरों की सहायता करने वालों के लिए रैली निकाली जाती है। इस रैली का उद्देश्य पूरे दुनिया में मानव कर्मियों के खस्ता हालत को उजागर कर उनकी दशा के बारे में विश्व को बताना है।
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