मानव जीवन में दिशा का महत्वपूर्ण स्थान है, इसका उल्लेख शास्त्रों में भी देखने को मिलता है। हिन्दू धर्म की मानें तो कण-कण में भगवान का वास होता है। ऐसे ही अगर दिशाओं के बारे में चर्चा करें, तो हर दिशा में किसी न किसी भगवान का वास माना गया है। इसलिए जब भी किसी कार्य की शुरूआत होती है, तो इसमें दिशाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है। आज हम आपसे कुछ इसी सिलसिले पर चर्चा करने वाले हैं, यहां पर हम जानेंगे कि कौन सी दिशा पर यमराज या अन्य देवता वास करते हैं?
1. शास्त्रों के मुताबिक उत्तर दिशा में कुबेर देवता निवास करते हैं। कुबेर देवता को धन का देवता कहा जाता है और सोम को स्वास्थ्य का स्वामी कहा जाता है। माना जाता है इससे आर्थिक मामले और वैवाहिक संबध प्रभावित होते हैं।
2. इंद्र देवता को पूर्व दिशा का मालिक माना जाता है इसके साथ ही सूर्य को भी पूर्व दिशा का मालिक माना जाता है। वास्तु के मुताबिक इसका प्रतिनिधित्व इंद्र देवता करते हैं। इससे सुख-संतोष तथा आत्मविश्वास प्रभावित होता है।
3. ईशान कोण में सूर्य देवता का वास होता है। सूर्य को रोशनी और ऊर्जा तथा प्राण शक्ति का मालिक कहा जाता है। इससे बुद्धि और ज्ञान मामले प्रभावित होते हैं।
4. मृत्यु के देवता यमराम को दक्षिण दिशा का मालिक माना जाता है। इन्हें धर्मराज भी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
5. अग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) के देवता अग्नि देव माने जाते हैं। जो अग्नि के देवता हैं। इससे पाचन शक्ति, धन और स्वास्थ्य मामले प्रभावित होते हैं।
6. दक्षिण-पश्चिम दिशा के देवता निरती हैं। इन्हें दैत्यों का स्वामी कहा जाता है। इससे रिश्तों में सहयोग तथा मजबूती एव आयु प्रभावित होती है।
इस वजह से वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा को अपशकुन माना जाता है
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