लोक अदालत एक विशेष प्रकार की अदालत होती है, जो छोटे-मोटे विवादों और मामलों के निपटारे के लिए आयोजित की जाती है। इसमें ट्रैफिक चालान भी शामिल होते हैं। हालांकि, यह माफी का मौका नहीं होता; बल्कि, समझौते के आधार पर फाइन कम किया जाता है या मामला निपटाया जाता है।
नेशनल लोक अदालत 14 सितंबर 2024
इस बार नेशनल लोक अदालत 14 सितंबर 2024 को लगाई गई। अगर आपके पास लंबे समय से पेंडिंग ट्रैफिक चालान हैं, तो यह एक अच्छा मौका है उनका निपटारा करने का। ध्यान रखें कि जिस जिले में आपका चालान काटा गया है, उसका निपटारा उसी जिले की लोक अदालत में किया जाएगा। अगर आप इस मौके को चूकते हैं, तो आपको वर्चुअल कोर्ट या अन्य विकल्पों के माध्यम से चालान भरना पड़ेगा।
लोक अदालत में किन लोगों के ट्रैफिक चालान माफ हो सकते हैं?: मामूली उल्लंघन के मामले: यदि आपने ट्रैफिक नियमों का मामूली उल्लंघन किया है, जैसे सीट बेल्ट न पहनना, हेलमेट न पहनना, या रेड लाइट पार करना, तो ऐसे चालान लोक अदालत में निपटाए जा सकते हैं।
बिना गंभीर अपराध के चालान: यदि चालान सामान्य ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है और इसमें कोई गंभीर अपराध या दुर्घटना शामिल नहीं है, तो चालान के निपटारे की संभावना अधिक होती है।
समय पर लोक अदालत में पहुंचना: लोक अदालत के दिन आपको वहां उपस्थित होना होगा। वहां ट्रैफिक पुलिस और न्यायिक अधिकारी मिलकर समझौते के आधार पर मामला सुलझाएंगे।
लोक अदालत में चालान निपटाने की प्रक्रिया: समन/नोटिस मिलना: जिन लोगों का ट्रैफिक चालान बकाया होता है, उन्हें लोक अदालत से एक समन या नोटिस भेजा जाता है, जिसमें तारीख और समय का उल्लेख होता है।
लोक अदालत में मौजूद होना: तय तारीख पर आपको लोक अदालत में उपस्थित होना होता है, जहां न्यायाधीश और ट्रैफिक अधिकारी के सामने मामला सुना जाता है।
समझौता और जुर्माना: लोक अदालत में समझौते के आधार पर चालान का जुर्माना तय किया जाता है। आमतौर पर जुर्माने में कुछ छूट दी जाती है, जिससे आपको कम रकम चुकानी पड़ती है।
जुर्माने का भुगतान: समझौते के बाद तय जुर्माना अदालत में ही जमा कराया जाता है और चालान का मामला समाप्त हो जाता है।
लोक अदालत के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स आवश्यक हैं?: लोक अदालत में ट्रैफिक चालान की माफी या निपटारे के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट्स ले जाना जरूरी होता है:
चालान की कॉपी: ट्रैफिक चालान की ऑरिजिनल या प्रिंट की गई कॉपी लेकर जाएं। इसमें चालान नंबर, तारीख, और जुर्माने की जानकारी होती है।
गाड़ी के कागजात: वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) साथ में लाना चाहिए, जिससे साबित हो सके कि आप वाहन के मालिक हैं या उससे जुड़े हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस: आपका वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस भी साथ में होना चाहिए, जो यह साबित करता है कि आप एक अधिकृत ड्राइवर हैं।
आईडी प्रूफ: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या कोई अन्य वैलिड पहचान पत्र साथ लेकर जाएं, ताकि आपकी पहचान की पुष्टि की जा सके।
पिछले चालान की जानकारी: यदि आपके खिलाफ पहले भी कोई चालान हो चुका है या पेंडिंग है, तो उसकी जानकारी भी साथ रखें।
कोर्ट का नोटिस/समन: लोक अदालत में आने का समन या नोटिस, जो आपको कोर्ट से मिला हो, उसे भी साथ लेकर जाएं।
वाहन का इंश्योरेंस: वाहन का इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट भी उपयोगी हो सकता है, खासकर यदि चालान एक्सीडेंट या इंश्योरेंस से जुड़ा है।
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